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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आत्महत्या को उकसाने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर की

अधिवक्‍ता का कहना था कि एफआइआर दर्ज करने में देरी की गई है। अपराध के तत्व नहीं है। याची नौ जून 2020 से जेल में बंद है। सरकारी वकील का कहना था कि याची की वजह से पीडि़ता ने जहरीली पदार्थ खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 09:11 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आत्महत्या को उकसाने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर की
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने गरौठा, झांसी के हेमंत उर्फ डेजी की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। याची पर फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए पीडि़ता को परेशान करने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है।

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याची नौ जून 2020 से जेल में बंद है

अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की। इनका कहना था कि एफआइआर दर्ज करने में देरी की गई है। देरी कोई वजह नहीं बताई गई है। अपराध के तत्व नहीं है। याची नौ जून 2020 से जेल में बंद है। सरकारी वकील का कहना था कि याची की वजह से पीडि़ता ने जहरीली पदार्थ खा लिया जिससे उसकी मौत हो गई।

प्रमाण पत्र व अंक पत्र में पिता के नाम में संशोधन का निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद को याची की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के अंक पत्र व प्रमाण पत्र में पिता के नाम को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया है। याची से कहा कि वह दो हफ्ते में सबूतों व पिता के हलफनामे के साथ बोर्ड को नए सिरे से अर्जी दे। बोर्ड उस पर निर्णय ले। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने मेहुल यादव की याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्‍ता ने की बहस

याचिका पर अधिवक्ता गौरव शर्मा ने बहस की। इनका कहना है कि याची के पिता का नाम प्रवीण कुमार यादव है, लेकिन अंक पत्र व प्रमाण पत्र में प्रवीण यादव लिखा गया है, जो सही नहीं है। याची की अर्जी को सहायक सचिव केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने यह कहते हुए संशोधित करने से इन्कार कर दिया कि बोर्ड व कालेज के रिकार्ड के अनुसार नाम सही लिखा है। बोर्ड के अधिवक्ता जिज्ञा यादव के फैसले के प्रकाश में बोर्ड याची की मांग पर विचार करने को तैयार है। यदि अनुमन्य होगा तो संशोधित किया जाएगा।


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