इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बस्ती जिला जेल में कमियां दुरुस्त करने का दिया निर्देश, रिपोर्ट भी मांगी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बस्ती जिला जेल में व्याप्त कमियों की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है साथ ही रिपोर्ट भी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि कैदियों के भी मानवाधिकार है जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बस्ती जिला जेल में व्याप्त कमियों की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है, साथ ही रिपोर्ट भी मांगी है। कोर्ट ने रिपोर्ट की प्रति अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को देने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 25 नवंबर को होगी। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता की खंडपीठ ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बस्ती के सचिव वीके जायसवाल की रिपोर्ट पर कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि कैदियों के भी मानवाधिकार है, जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
सचिव जेल का निरीक्षण करने गए थे। उन्होंने जेल की कई कमियों पर प्रशासनिक न्यायाधीश को रिपोर्ट भेजी थी, जिसे चीफ जस्टिस को भेजा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं। सफाई का उचित प्रबंध नहीं है। चिकित्सा सुविधा ठीक नहीं है। वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं है। पैरोल की सुनवाई में अनावश्यक देरी की जाती है। साथ ही जेल के अंदर पुस्तकालय भी नहीं है। साथ ही अन्य गंभीर कमियां हैं।
हाई कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट स्वयं बता रही है कि कैदियों की हालत क्या है। देश की जेलों में दंडात्मक व सुधारात्मक दोनों तरीके को अपनाया गया है। जहां कठोर दंड दिया जाता है, वहीं जेल को सुधार गृह भी कहा जाता है। कोर्ट ने कहा कि कैदियों के भी मानवाधिकार है, जिनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। कोर्ट ने रिपोर्ट की प्रति अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को उचित कार्यवाही के लिए देने का निर्देश दिया है।