Move to Jagran APP

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बच्चों के साथ ओरल यौन उत्पीड़न पर सुनाया अहम फैसला, पाक्सो एक्ट की व्याख्या की

हाई कोर्ट ने बच्चे के साथ ओरल संबंध को अति गंभीर अपराध नहीं माना है। कोर्ट ने इस प्रकार के अपराध को पाक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय माना। लिहाजा ऐसे मामले में पाक्सो एक्ट की धारा 6 और 10 के तहत सजा नहीं सुनाई जा सकती।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 09:43 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 02:29 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बच्चों के साथ ओरल यौन उत्पीड़न पर सुनाया अहम फैसला, पाक्सो एक्ट की व्याख्या की
हाई कोर्ट ने बच्चे के साथ ओरल संबंध को अति गंभीर अपराध नहीं माना है।

प्रयागराज [विधि संवाददाता]। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बच्चे के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने बच्चे के साथ ओरल संबंध को अति गंभीर अपराध नहीं माना है। कोर्ट ने इस प्रकार के अपराध को पाक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय माना। लिहाजा, ऐसे मामले में पाक्सो एक्ट की धारा 6 और 10 के तहत सजा नहीं सुनाई जा सकती। मामले में दोषी की 10 साल की कैद की सजा घटाकर सात साल कर दी है। साथ ही पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

loksabha election banner

सोनू कुशवाहा ने सेशन कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा ने कुशवाहा की सजा के खिलाफ अपील पर यह फैसला सुनाया। सेशन कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) और धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया था। अदालत के सामने सवाल यह था कि क्या नाबालिग के साथ ओरल संबंध पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 या धारा 9/10 के दायरे में आएगी। फैसले में कहा गया कि यह दोनों धाराओं में से किसी के दायरे में नहीं आएगा, लेकिन यह पाक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दंडनीय है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एक बच्चे के साथ ओरल संबंध 'गंभीर यौन हमला' की श्रेणी में आता है, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पाक्सो) अधिनियम की धारा 4 के तहत दंडनीय है, परन्तु अधिनियम की धारा 6 के तहत नहीं।

मामले के अनुसार सोनू कुशवाहा ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश, पाक्सो अधिनियम, झांसी द्वारा पारित निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी। दरअसल, अपीलकर्ता के खिलाफ मामला यह था कि वह शिकायतकर्ता के घर आया और उसके 10 साल के बेटे को साथ ले गया। उसे 20 रुपये देते हुए उसके साथ ओरल संबंध बनाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.