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बसपा सांसद अतुल राय को हाईकोर्ट से झटका, गैंगस्टर के मुकदमे के खिलाफ याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने अतुल राय की गैंगस्टर के मुकदमे में निरुद्धि के खिलाफ याचिका खारिज कर कहा कि याची के खिलाफ चार मुकदमों में ट्रायल चल रहा है और यह नहीं कहा जा सकता है कि याची के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कोई मामला नहीं बनता है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 07:27 AM (IST)
बसपा सांसद अतुल राय को हाईकोर्ट से झटका, गैंगस्टर के मुकदमे के खिलाफ याचिका खारिज
छात्रा से दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद है अतुल राय, हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की

प्रयागराज, विधि संवाददाता। यूपी कालेज की पूर्व छात्रा से दुष्कर्म और धोखाधड़ी के मुकदमे में जेल में बंद घोसी के बसपा सांसद अतुल राय को हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अतुल राय की गैंगस्टर के मुकदमे में निरुद्धि के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ चार मुकदमों में ट्रायल चल रहा है और जो आरोप लगाए गए हैं उससे यह नहीं कहा जा सकता है कि याची के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कोई मामला नहीं बनता है।

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अक्तूबर 2021 को वाराणसी के लंका थाने में लिखा गया था गैंगस्टर केस

यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की खंड पीठ ने सांसद अतुल राय की याचिका पर दिया है। याची के खिलाफ 23 अक्टूबर 2021 को वाराणसी के लंका थाने में गैंगस्टर और एंटी सोशल एक्टीविटी के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अतुल राय की याचिका में आरोप लगाया गया कि गैंगस्टर के तहत की गई कार्रवाई बदले की भावना से प्रेरित है। याची के खिलाफ 2017 में बलवा, जानलेवा हमला और अपहरण् आदि के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मुकदमे में हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ़तारी पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि जब तक उसके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य न मिल जाएं तबू तक गिरफ्तारी न की जाए।

इसके बावजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रिमांड मांगा। मगर रिमांड मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए पुलिस की अर्जी नामंजूर कर दी कि याची के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं है। इस मामले में पुलिस के खिलाफ याची ने अवमानना याचिका दाखिल की थी जिस पर हाईकोर्ट ने एसएसपी वाराणसी को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा था। इसी रंजिश में याची के खिलाफ आनन फानन में आरोप पत्र दाखिल की गई।

न्यायालय ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि उक्त प्रकरण दो साल से अधिक पुराना है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि बदले की कार्यवाही के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। याची के खिलाफ धोखाधड़ी और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज है। यह कहीं नहीं कहा गया है कि याची पर जो आरोप लगाए गए हैं उससे गैंगस्टर के तहत मामला नहीं बनता है। यह कहकर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।


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