Move to Jagran APP

इलाहाबाद हाई कोर्ट में गलत बयानी व तथ्य छिपाकर आदेश पाने की कोशिश पड़ गई भारी, जानिये पूरा मामला

हाईकोर्ट में गलत बयानी करके तथ्य छिपाकर आदेश पाने की कोशिश भारी पड़ गई। हाई कोर्ट ने ऐसी याचिका को पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची को कोर्ट में न्याय मांगने के लिए स्वच्छ हृदय से साफगोई के साथ आना चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 06:55 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गलत बयानी और तथ्य छिपाने पर पांच लाख हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में गलत बयानी करके तथ्य छिपाकर आदेश पाने की कोशिश भारी पड़ गई। हाई कोर्ट ने ऐसी याचिका को पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याची को कोर्ट में न्याय मांगने के लिए स्वच्छ हृदय से साफगोई के साथ आना चाहिए। कोर्ट ने याची को जानबूझकर तथ्य छिपाने का दोषी माना है।

loksabha election banner

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी व न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने मऊ के माफिया उमेश सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अपर शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र ने प्रतिवाद किया। जिलाधिकारी मऊ ने 21 व 29 अक्टूबर 2020 के आदेश से याची के खिलाफ गिरोहबंद अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए 300 टन कोयला सहित संपत्ति जब्त कर ली थी। उसे यह कहते हुए चुनौती दी गई कि उसके खिलाफ केवल एक ही आपराधिक केस होने पर गिरोहबंद अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। उसे झूठा फंसाया गया है। डीएम के आदेशों को रद किया जाय।

एजीए की आपत्ति पर पूरक हलफनामे में अन्य आपराधिक केसों का खुलासा किया गया। एजीए का कहना था कि याची ने जानबूझकर झूठ बोला है, जबकि उसका आपराधिक इतिहास है। हत्या षड़यंत्र जैसे गंभीर अपराध में जेल भी जा चुका है। स्वयं को निर्दोष बताकर विक्टिम कार्ड खेल रहा है।

कोर्ट ने कहा कि याची ने जानबूझकर एक केस में झूठा फंसाने का बयान दिया। याचिका में सही तथ्यों का खुलासा नहीं किया। ऐसे में दंडित होना जरूरी है। कोर्ट ने पांच लाख हर्जाना लगाकर कहा कि यह राशि हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति में 30 दिन में जमा की जाए। यदि जमा नहीं की जाती तो महानिबंधक भूमि राजस्व की भांति वसूली करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.