Allahabad High Court: आपराधिक केस दर्ज होने मात्र से नियुक्ति से इन्कार सही नहीं
Allahabad High Court केस दर्ज होने मात्र से उसे नियुक्ति देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। न्यायिक निर्णय का हवाला भी दिया। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह का कहना था कि याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। ऐसे में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती 2013 के आवेदन में तथ्य न छिपाने के बावजूद आपराधिक केस दर्ज होने के कारण नियुक्ति निरस्त करने को सही नहीं माना। कोर्ट ने नियुक्ति अधिकारी को अवतार सिंह केस के दिशा-निर्देश के तहत दो माह में नियुक्ति पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूॢत एमसी त्रिपाठी ने राहुल कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह व अजीत कुमार सिंह ने बहस की। याची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 3295 खाली पदों का चयन परिणाम घोषित हुआ। इसमें याची सफल हुआ। उसे आगरा पीएसी 15 बटालियन में कांस्टेबल पद पर नियुक्ति के लिए भेजा गया। लेकिन, कमांडेंट ने यह कहते हुए उसकी नियुक्ति नहीं की कि उसके खिलाफ अलीगढ़ में आपराधिक केस दर्ज है।
पुलिस चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। याची अधिवक्ताओं का कहना था कि उसने दर्ज अपराधिक केस छिपाया नहीं है। केस दर्ज होने मात्र से उसे नियुक्ति देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। न्यायिक निर्णय का हवाला भी दिया। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता संजय कुमार सिंह का कहना था कि याची के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। ऐसे में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
पवन कुमार केस में तथ्य छिपाकर नौकरी प्राप्त की गयी थी, इसलिए हस्तक्षेप नहीं किया गया। लेकिन, इस मामले में याची ने आवेदन में पूरी जानकारी दी है। नियुक्ति अधिकारी को सकारण विचार करके निर्णय लेना चाहिए। कोर्ट ने नियुक्ति से इन्कार आदेश को लिए जाने वाले निर्णय पर निर्भर करार दिया है।