इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा- कोविड-19 नियंत्रण के लिए शारीरिक दूरी मानक व मास्क का कैसे कराएंगे पालन
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप पर ठोस कदम न उठाने पर सरकार की खिंचाई की है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप पर ठोस कदम न उठाने पर सरकार की खिंचाई की है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव द्वारा दाखिल हलफनामा में कोविड-19 की राष्ट्रीय गाइडलाइन एक व दो के पालन के लिए उठाए गए किसी कदम की जानकारी न देने पर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही एक दिन का समय देते हुए पूछा कि शारीरिक दूरी मानक व मास्क पहनने के नियम का पालन कैसे कराएंगे? याचिका पर दो सितंबर को पुन: सुनवाई होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने क्वारंटाइन सेंटरों की दुर्दशा व अस्पतालों में इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि लोग शारीरिक दूरी मानक व मास्क पहनने का पालन नहीं कर रहे हैं। सरकार क्या कदम उठाएगी जिससे ऐसे लोगों पर असर पड़े और वे गाइडलाइन का पालन करने लगें। कोर्ट ने वार्ड में गाइडलाइन का पालन कराने में सभासदों की सहायता के लिए जिलाधिकारी प्रयागराज के आदेश को संतोषजनक नहीं माना। साथ ही सभासदों को इस संबंध में जारी किए गए आदेश को मांगा है।
कुत्तों को शहर से बाहर करने का निर्देश स्थगित : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने 28 अगस्त के उस निर्देश को स्थगित कर दिया है, जिसमें कुत्तों को प्रयागराज शहर से बाहर करने को कहा गया था। कोर्ट द्वारा जारी आदेश की वापसी की मांग में अर्जी दी गयी थी, उसमें कहा गया है कि उक्त प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने कुत्तों को शहर से हटाने पर रोक लगा रखी है। इस पर हाई कोर्ट ने कुत्तों को शहर से बाहर करने के लिए दिए गए निर्देश को स्थगित कर दिया। प्रयागराज नगर निगम से अर्जी पर 10 दिन में जवाब मांगा है।