UP: तीन माह बाद दुष्कर्म की FIR दर्ज करने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट नाराज, SSP प्रयागराज तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फूलपुर की दुष्कर्म पीड़िता की फरियाद तीन महीने तक न सुनने पर एसएसपी प्रयागराज व फूलपुर थाना प्रभारी पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि यह पुलिस की आपराधिक न्याय व्यवस्था के प्रति घोर लापरवाही है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फूलपुर की दुष्कर्म पीड़िता की फरियाद तीन महीने तक न सुनने पर एसएसपी प्रयागराज व फूलपुर थाना प्रभारी पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि यह पुलिस की आपराधिक न्याय व्यवस्था के प्रति घोर लापरवाही है। हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दर्ज एफआइआर और मेडिको लीगल जांच से अभियोजन प्रभावित होगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लापरवाह पुलिस की जवाबदेही तय करने के लिए एसएसपी व थाना प्रभारी को 20 अक्टूबर को तलब किया है। साथ ही कहा है कि गंभीर अपराधों पर कार्रवाई के मामले में उम्मीद के विपरीत पुलिस विफल हो रही है। दुष्कर्म मामले में तीन माह बाद एफआइआर दर्ज करना जांच की खानापूर्ति है। इस लापरवाही की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर दिया है। याचिका पर सरकार के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाह ने पक्ष रखा। पीड़िता याची फूलपुर थाना पर 11 जुलाई 2020 को शिकायत लेकर गयी। लेकिन, पुलिस ने उसे भगा दिया। फिर 22 जुलाई को एसएसपी प्रयागराज से शिकायत की गई। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि 30 जुलाई तक दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज नहीं हुई तो उसने हाई कोर्ट की शरण ली। याचिका की सुनवाई 12 अक्टूबर को हुई।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाहा से मामले की जानकारी लेने को कहा। फिर 14 अक्टूबर को कोर्ट को बताया गया कि एसएसपी ने 23 जुलाई को पीड़िता की अर्जी फूलपुर थाना भेज दी थी, जबकि 13 अक्टूबर को एफआइआर दर्ज की गई है। पीड़िता का बयान व मेडिको लीगल जांच की गयी है।