Allahabad High Court : अजय यशवंत नेहरू अस्पताल में भर्ती, कोर्ट में नहीं हुए पेश
Allahabad High Court कोर्ट ने याची को हाजिर करने का एक मौका और दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने अजय यशवंत नेहरू की याचिका पर दिया है। आरोप है कि नेहरू की मृत्यु 2016 में हो चुकी है। इनके फर्जी पहचानपत्र से खाता खोला गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमरनाथ झा मार्ग जार्जटाउन प्रयागराज निवासी वयोवृद्ध अजय यशवंत नेहरू को पहचान पत्र के साथ 26 फरवरी को उपस्थित करने का निर्देश दिया है। अस्पताल में भर्ती होने के कारण 18 फरवरी को पुलिस उन्हें कोर्ट में नहीं पेश कर सकी। यह भी नहीं बताया कि वे किस अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि दूसरा पक्ष उनकी मौत तीन साल पहले होने की बात कह रहा है।
कोर्ट ने याची को हाजिर करने का एक मौका और दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने अजय यशवंत नेहरू की याचिका पर दिया है। आरोप है कि नेहरू की मृत्यु 2016 में हो चुकी है। इनके फर्जी पहचानपत्र से खाता खोला गया है।
जबकि याची के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना है कि वह वृद्ध, बीमार और जीवित हैं। कोर्ट चाहे तो आ सकते हैं। उनकी करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए भ्रम फैलाया गया है। एनआरआइ विश्व प्रकाश श्रीवास्तव ने नेहरू से इसी जमीन बंगला नं 52/38 का बैनामा कराया है। अपनी जमीन बेचने को प्रयागराज में है।
मामला कोर्ट में है। सवाल है कि नेहरू वास्तव में जिंदा है या मृत्यु हो गई है। कोर्ट ने इससे पहले जार्जटाउन पुलिस को सुरक्षा के साथ याची को पेश करने का आदेश दिया था। लेकिन, हालत गंभीर होने के कारण पेश नहीं हो सके।