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Allahabad Central University : इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले का है गणित विभाग

म्योर कालेज शुरू में किराए की भवन में चला। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गणित विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.माताम्बर तिवारी बताते हैं कि म्योर कालेज का प्रस्तावित भवन बनाने से पहले यहां शिक्षा दीक्षा के लिए एक भवन किराए पर लिया गया था।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:00 AM (IST)
Allahabad Central University : इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले का है गणित विभाग
म्योर कालेज का प्रस्तावित भवन बनाने से पहले यहां शिक्षा दीक्षा के लिए एक भवन किराए पर लिया गया था।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास है। इस विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले छात्र-छात्राएं देश विदेश में उच्च पदों पर हैं। राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में यहां के विद्यार्थी छाए हुए हैं। राष्ट्रपति रहे शंकर दयाल शर्मा, प्रधानमंत्री रहे वीपी सिंह एवं चंद्रशेखर इसी विश्वविद्यालय के छात्र थे। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले यहां के गणित विभाग में अध्ययन अध्यापन कार्य शुरू हो चुका था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 23 सितंबर 1887 में हुई जबकि म्योर कालेज में गणित विभाग 1972 में बन गया था। संयुक्त प्रांत के लेफ्निेंट गवर्नर सर विलियम म्योर के नाम पर म्योर कालेज बना था। उस समय उत्तर भारत के शिक्षा केंद्र कलकत्ता विश्वविद्यालय से जुड़े थे।  24 मई 1867 को विलियम म्योर ने यहां स्वतंत्र महाविद्यालय की नींव रखने की योजना बनाई थी। 1869 में इस कार्य के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी का सचिव प्यारे मोहन बनर्जी को बनाया गया था।

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शुरू में किराए के भवन में चला गणित विभाग
म्योर कालेज शुरू में किराए की भवन में चला। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गणित विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.माताम्बर तिवारी बताते हैं कि म्योर कालेज का प्रस्तावित भवन बनाने से पहले यहां शिक्षा दीक्षा के लिए एक भवन किराए पर लिया गया था। लेफ्टीनेंट गर्वनर सर विलियम म्योर ने की सहमति पर दरभंगा कैसेल को किराया पर लिया गया। उस समय यह भवन ढाई सौ रुपये महीने किराए पर तीन साल के लिए लिया गया। एक जुलाई 1872 को म्योर सेंट्रल कालेज में अध्यापन अध्यापन शुरू हो गया। उस समय गणित विभाग में प्रोफेसर मौलवी जकुल्ला एवं वर्नाकुलर थे। विज्ञान में पंडित आदित्य नारायण भट्टाचार्य प्रमुख शिक्षक थे। प्रो. तिवारी बताते हैं कि तब यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी होती थी। उस समय विभाग शिक्षा के प्रमुख केंद्रों में एक माना जाता था।
भवन के वास्तुकला में ठेठ इलाहाबादी मेहराब का प्रयोग
गणित विभाग का भवन दो मंजिल में गॉथिक शैली में निर्मित है। यह भवन बहुत भव्य तरीके से बना है। भवन की वास्तुकला में ठेठ इलाहाबादी मेहराब एवं छाया-आकृति को देखा जा सकता है। क्लास रूप में ऊंची गुबंद देखी जा सकती है। दीवार से छत तक पाठयपुस्तकों का अंबार है। प्रो.माताम्बर तिवारी बताते हैं कि गणित विभाग का भव्य भवन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व आक्सफोर्ड होने के दावे को सही ठहराता है। बीज गणित, रेखा गणित, गणितीय पारिस्थितिकी के कई प्रख्यात विद्वान यहीं के रहे हैं।  


आजाद पार्क के सामने है गणित विभाग
आजाद पार्क के ठीक सामने गणित विभाग है। आजाद पार्क से विभाग का भव्य भवन बहुत आकर्षक लगता है। रात में लाइट में यह भवन और भी भव्य लगता है। इस भवन के नजदीक जाने पर इसकी भव्यता अद्भुत दिखती है। भवन के कक्ष एवं बरामदे बहुत विशालकाय हैं। इतिहासकार प्रो.जेएन पाल बताते हैं कि म्योर कालेज की आधारशिला टामस जार्ज बैरिंग बैरन नार्थब्रेक ऑफ स्टेटस सीएमएसआई ने रखी थी। इस भवन का उदघाटन वायसराय लार्ड डफरिन ने किया था।


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