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Allahabad Central University के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आरपी मिश्र का निधन, पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. आरके द्विवेदी की संक्रमण से मौत

Allahabad Central University इलाहाबद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और अंतरराष्ट्रीय भूगोलविद प्रोफेसर आरपी मिश्र का शुक्रवार को 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शुक्रवार को स्टेनली रोड स्थित आवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका जन्म पांच सितंबर 1930 को हुआ था।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:57 PM (IST)
Allahabad Central University के पूर्व कुलपति प्रोफेसर आरपी मिश्र का निधन, पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. आरके द्विवेदी की संक्रमण से मौत
इलाहाबद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और अंतरराष्ट्रीय भूगोलविद प्रोफेसर आरपी मिश्र का निधन ।

प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और अंतरराष्ट्रीय भूगोलविद प्रोफेसर रामेश्वर प्रसाद मिश्र का शुक्रवार को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह वर्ष 1984 से 1987 तक यहां कुलपति थे। उनका जन्म 5 सितंबर 1930 को हुआ था।

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प्रतापगढ़ के रहने वाले थे प्रोफेसर आरपी मिश्र

मूलरूप से प्रतापगढ़ जनपद के रामपुर संग्रामगढ़ स्थित हनुमानपुर गांव के प्रोफेसर मिश्र ने इविवि से स्नातक व परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह तीन साल लोकसभा सचिवालय और नई दिल्ली में सहायक रहे। फिर राष्ट्रीय एटलस संगठन, वैज्ञानिक अनुसंधान और सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय से जुड़े रहे। देहरादून में तैनाती के दौरान आगरा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय की सांध्यकालीन कक्षाओं से भूगोल से एमए की पढ़ाई की। उन्हेंं यूनिवॢसटी ऑफ मैरीलैंड, कॉलेज पार्क यूएसए और यूएस एजुकेशनल फाउंडेशन की फुलबाइट रिसर्च असिस्टेंटशिप दी गई थी। अपने शोध के लिए उन्होंने मैरीलैंड यूनिवॢसटी ज्वाइन किया। वहां से लौटने पर वह मैसूर विवि में भूगोल विभाग के अध्यक्ष बनाए गए।

प्रो. मिश्र को मिला था भूगोल रत्न पुरस्कार

 1972 में फोर्ड फाउंडेशन नई दिल्ली से अनुदान लेकर विकास अध्ययन का एक अंत: विषय संस्थान शुरू किया। 1976 तक विकास अध्ययन केंद्र सरकार और विवि के बीच की कड़ी बन गया था। योजना और विकास के क्षेत्र में उनक कार्य इतना प्रसिद्ध हुआ कि संयुक्त राज्य अमेरिका में बोस्टर्न और पिट्सबर्ग विवि ने प्रोफेसर के रूप में उन्हेंं आमंत्रित किया। वह विदेशों में भी महत्वपूर्ण पदों को इस अवधि में संभाले रहे। 1984 में भारत लौटने पर उन्हेंं इविवि का कुलपति नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने यहां पृथ्वी विज्ञान, मानव विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, गांधीवादी अध्ययन और शांति अनुसंधान की स्थापना की। 1987 में कार्यकाल खत्म होने पर दिल्ली विवि चले गए थे। प्रो. मिश्र को भूगोल रत्न पुरस्कार का अलावा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा जा चुका है। शुक्रवार को स्टेनली रोड स्थित आवास पर वह अपने पीछे तीन बेटों प्रो. कमलेश मिश्र, प्रो. सुरेश मिश्र, ब्रजेश मिश्र और दो बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, मुकुंद तिवारी सहित शिक्षा जगत से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

इविवि के पूर्व रजिस्ट्रार का कोरोना से निधन

इविवि के प्राचीन इतिहास विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. आरके द्विवेदी का 85 वर्ष की उम्र में गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया। प्रो. द्विवेदी 1998 में सेवानिवृत्त हुए थे। बेटे डा. अनुराग द्विवेदी ने बताया कि छह को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। नौ अप्रैल को भर्ती कराया गया था।


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