प्रतापगढ़ : एसडीएम विनीत के अफसरों पर लगाए सभी आरोप जांच में निकले बेबुनियाद
एडीएम शत्रोहन वैश्य और एसडीएम सदर मोहन लाल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया। वह शुक्रवार को ही निलंबित भी हो गए। उन्हें लखनऊ स्थित राजस्व परिषद से संबद्ध भी कर दिया गया। उनके खिलाफ अब विभागीय जांच होगी।
प्रतापगढ़,जेएनएन। एक दिन पहले एसडीएम विनीत ने एडीएम और सदर एसडीएम पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा किया था। इस मामले की जांच मंडलायुक्त प्रयागराज को सौंपी गई है। हालांकि इससे पहले शनिवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई जांच में एसडीएम विनीत के वह आरोप बेबुनियाद साबित हुआ, जिसमें उन्होंने फर्जी ढंग से सरकारी जमीन पर स्कूल संचालन का आरोप लगाया था।
एडीएम और एसडीएम पर लगाए थे आरोप
कलेक्ट्रेट में अतिरिक्त एसडीएम के पद पर रहे पीसीएस अधिकारी विनीत उपाध्याय वर्ष 2019 में लालगंज तहसील में एसडीएम नियुक्त थे। वहां उनका एक मकान की जांच के दौरान अधिवक्ताओं से विवाद हो गया था। इस दौरान उन्होंने आत्मरक्षार्थ गार्ड की रायफल छीन अधिवक्ताओं पर तान दी थी। उसी के बाद उनका वहां से स्थानांतरण कर कलेक्ट्रेट में अतिरिक्त एसडीएम के पद पर कर दिया गया था। वहीं लालगंज में अधिवक्ताओं के साथ हुए विवाद की जांच एडीएम शत्रोहन वैश्य को सौंपी गई थी। एडीएम ने जांच में एसडीएम विनीत उपाध्याय को दोषी बताया था। यही बात एसडीएम विनीत को खल गई और शासन से आख्या मांगे जाने पर वह शुक्रवार को अपना नियंत्रण खो बैठे थे। हालांकि शुक्रवार को जिस ढंग से वह डीएम के कैंप कार्यालय में धरने पर बैठे और डीएम डॉ. रुपेश कुमार से भी उलझ बैठे, वह अनुशासनहीनता के दायरे में आ गए। एडीएम शत्रोहन वैश्य और एसडीएम सदर मोहन लाल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया। वह शुक्रवार को ही निलंबित भी हो गए। उन्हें लखनऊ स्थित राजस्व परिषद से संबद्ध भी कर दिया गया। उनके खिलाफ अब विभागीय जांच होगी।
डीएम ने एसडीएम लालगंज से कराई जांच
हालांकि जिलाधिकारी डॉ. रुपेश कुमार ने अपने स्तर से शनिवार को ही उस आरोप की जांच एसडीएम लालगंज राम नारायण से करा ली, जिसमें एसडीएम विनीत उपाध्याय ने यह कहा था कि लालगंज तहसील क्षेत्र के धधुआं गाजन ग्राम पंचायत में जिस जमीन पर स्कूल खोलने की मान्यता ली गई थी, वहां उसका संचालन ना होकर लालगंज में फर्जी तरीके से सरकारी जमीन पर किया जा रहा है। जिलाधिकारी के मुताबिक लालगंज एसडीएम ने शनिवार को अपनी जांच में पाया कि उस स्कूल के लिए धधुआ गाजन में जमीन ली गई थी। हालांकि उसका संचालन सांगीपुर में किया जा रहा है, मगर वह जमीन सरकारी नहीं है। वह जमीन वीरेंद्र कुमार के नाम भूमिधरी है। विनीत उपाध्याय का यह आरोप गलत साबित हुआ कि स्कूल सरकारी जमीन पर संचालित किया जा रहा है।
डीआइओएस और बीएसए से ली गई है रिपोर्ट
जिलाधिकारी ने धधुआं गाजन में जमीन की बजाए सांगीपुर में स्कूल चलाए जाने के बाबत डीआइओएस और बीएसए से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने दोनों अधिकारियों से कहा है कि वह इस बात की जानकारी दें कि जिस जमीन पर स्कूल की मान्यता ली गई है और अगर उसे दूसरी जगह चलाया जा रहा है तो क्या यह गलत है। डीआइओएस और बीएसए इस बारे में क्या रिपोर्ट देते हैं, यह ध्यान देने वाली बात होगी।