एक जुलाई से बंद रखेंगे सभी पावरलूम, बुनकर संगठनों ने इस कारण लिया निर्णय Prayagraj News
बुनकर उत्पीडऩ व फ्लैट रेट पर हो रही विद्यु आपूर्ति समाप्त किए जाने की मांग को लेकर बुनकर संगठनों ने पहली जुलाई से पावरलूम का संचालन बंद करने का निर्णय लिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश सरकार द्वारा पावरलूम बुनकरों को विद्युत आपूर्ति में मिल रही सब्सिडी समाप्त किए जाने तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर बुनकर संगठनों में आक्रोश है। संगठन के पदाधिकारियों ने एक जुलाई से सप्ताह भर के लिए सभी तरह के पावर लूम संचालन ठप रखने का निर्णय लिया है। हालांकि मऊआइमा कस्बे में पावरलूम के अधिकांश कारखानों में लॉकडाउन के पूर्व से ही ताले लटक रहे हैं। बुनकर संगठनों के आह्वान पर बचे खुले कारखाने भी अब एक सप्ताह के लिए पूरी तरह से बंद रहेंगे।
बिल वसूली के फरमान से बुनकरों में मायूसी
प्रदेश सरकार द्वारा विगत एक जनवरी से बुनकरों को फ्लैट रेट पर दी जा रही विद्युत आपूर्ति योजना समाप्त कर मीटर रीडिंग के आधार पर बिल वसूली के फरमान से बुनकरों में मायूसी छा गई है। इसे लेकर मऊआइमा सहित वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, मऊनाथ भंजन, टांडा, मेरठ आदि जनपदों के बुनकर संगठनों ने प्रदेश के कपड़ा मंत्री डॉक्टर सिद्धार्थनाथ सिंह हथकरघा उद्योग के प्रमुख रमा रमण सहित तमाम विभागीय अफसरों से मिलकर बुनकरों को दी जा रही फ्लैट रेट पर विद्युत आपूॢत बहाल किए जाने की मांग की। हालांकि कोई सकारात्मक परिणाम न निकलने पर अधिकांश बुनकरों ने पावर लूम मशीनों का संचालन ठप कर दिया।
बुनकर संगठनों में एकजुटता
अब एक बार फिर मऊआइमा सहित प्रदेश के अन्य जनपदों के बुनकर संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए एक जुलाई से प्रदेश के सभी पावरलूम का संचालन एक सप्ताह तक बंद रखने का फैसला किया है। इसे लेकर मऊआइमा पावरलूम बुनकर एसोसिएशन की ओर से भी गुरुवार को मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया था।
मऊआइमा में कट चुके हैं अधिकांश कारखानों के विद्युत कनेक्शन
बुनकर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद वासिक ने बताया कि मऊआइमा में पावरलूम के कुल 615 विद्युत कनेक्शन थे। जिसमें अब तक 447 कनेक्शन पूर्ण रूप से विच्छेदित कराये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि बुनकरों के हक में सरकार कोई कारगर कदम नही उठाती तो शेष बचे पावरलूम कनेक्शन भी कटवा कर यहां का बुनकर अन्य कारोबार से नाता जोड़ लेगा।
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