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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्‍यक्ष का मामला अदालत में पहुंचेगा, दोनों गुट खुद को बता रहे सही

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अध्यक्ष पद को लेकर अखाड़ों में खींचतान शुरू हो गई है। जिन सातों अखाड़ों ने हरिद्वार में नई कार्यकारिणी बनाई है उसे जूना श्रीनिरंजनी आदि अखाड़ा मान्यता नहीं दे रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:30 AM (IST)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्‍यक्ष का मामला अदालत में पहुंचेगा, दोनों गुट खुद को बता रहे सही
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अध्‍यक्ष पद को लेकर अखाड़ा परिषदों में आपसी खींचतान मची है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सनातन धर्म की संस्कृति, वैभव व परंपरा के संवाहक अखाड़ों की एकता पद के लिए भंग हो गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े 13 अखाड़े दो गुट में बंट गए हैं। सात अखाड़ों ने श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी को नया अध्यक्ष, निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास को महामंत्री चुन लिया है। इसके बाद आपसी रार और बढ़ गई है। छह अखाड़े 25 अक्टूबर को प्रयागराज में बैठक करके अध्यक्ष सहित नई कार्यकारिणी का चुनाव करेंगे। दोनों गुट खुद के साथ बहुमत होने की बात कह रहे हैं। प्रशासनिक व कानूनी मान्यता के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी है।

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महंत नरेंद्र गिरि की मृत्‍यु के बाद अखाड़ों में आपसी खींचतान

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अध्यक्ष पद को लेकर अखाड़ों में खींचतान शुरू हो गई। नए अध्यक्ष के चुनाव करने के लिए परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने 25 अक्टूबर को श्रीनिरंजनी अखाड़ा के प्रयागराज स्थित आश्रम में बैठक बुलाई थी। श्रीमहानिर्वाणी, अटल, बड़ा उदासीन, निर्मल, श्रीनिर्मोही अनी, श्रीनिर्वाणी अनी व श्रीदिगंबर अनी अखाड़ा ने नियम विरुद्ध बताते हुए बैठक का बहिष्कार किया था।

सात अखाड़ों ने हरिद्वार में नई कार्यकारिणी बनाई है

इन सातों अखाड़ों ने 20 अक्टूबर की रात अचानक हरिद्वार में नई कार्यकारिणी बना ली। उसे जूना, अग्नि, आह्वान, श्रीनिरंजनी व अटल अखाड़ा मान्यता नहीं दे रहे हैं। ये अखाड़े 25 अक्टूबर को प्रस्तावित बैठक में नियमानुसार नई कार्यकारिणी चुनने की बात कह रहे हैं। बैठक में नया उदासीन अखाड़ा भी शामिल होगा।

25 अक्‍टूबर को होगी बैठक

निर्मल अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत देवेंद्र शास्त्री का कहना है कि बहुमत हमारे साथ है। हर तीन साल में नई कार्यकारिणी का चुनाव होगा। इसे कानूनी मान्यता मिलेगी। वहीं, श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी कहते हैं कि परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार महामंत्री को है। महामंत्री ने 25 अक्टूबर को बैठक बुलाई है। इसके पहले किसी चुनाव को मान्यता नहीं मिलेगी। कहा कि वैरागी संप्रदाय के तीनों अखाड़े हरिद्वार कुंभ से अखाड़ा परिषद से अलग हैं। इससे अखाड़ों की संख्या 10 बची है। पद की लालच में वैरागियों को लेकर चुनाव कराने की बात कही जा रही है, जो अनुचित है। इसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

जानें, अखाड़ा परिषद के नए गुट के महामंत्री ने क्‍या कहा

अखाड़ा परिषद के नए गुट के महामंत्री बने श्रीमहंत राजेंद्र दास का कहना है कि सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का चयन हुआ है। अगर कोई कोर्ट जाएगा तो हम वहां जवाब देने को तैयार हैं।

अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा

अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद लोकतांत्रिक संगठन है। हर अखाड़े को कोई भी पद मांगने का अधिकार है। परिषद के पदाधिकारियों का चुनाव कराने के नियम व परंपराएं हैं। महामंत्री होने के नाते मैंने 25 अक्टूबर को बैठक कराने की घोषणा की है। सारे अखाड़े उसमें शामिल होकर बहुमत के आधार पर कोई भी पद हासिल कर सकते हैं। रही बात, 20 अक्टूबर को हुए चुनाव की तो वह नियम-कानून व परंपरा के विरुद्ध है। उसे स्वीकार करने को कोई औचित्य नहीं है। जरूरत पडऩे पर कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी।


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