अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने विधान सभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देने का किया ऐलान
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हमें मथुरा-काशी चाहिए। जो दल इसकी बात करेगा उसको समर्थन करने के लिए तैयार हैं लेकिन अभी तक भाजपा के अलावा किसी दल ने काशी-मथुरा की बात नहीं की है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने भाजपा को संतों व सनातनियों की पार्टी बताते हुए विधान सभा चुनाव में उसका समर्थन करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता में नहीं आई तो श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर का काम रुक जाएगा और श्रीराम पुन: तंबू में आ जाएंगे। यही कारण है कि भाजपा को रोकने के लिए सनातन धर्म विरोधी ताकतें एकजुट हो गई हैं। ऐसी स्थिति में संतों व सनातन धर्मावलंबियों का कर्तव्य है कि वो एकजुट होकर भाजपा का समर्थन करके हर साजिश को नाकाम करें।
बोले, हमें मथुरा-काशी चाहिए
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हमें मथुरा-काशी चाहिए। जो दल इसकी बात करेगा, उसको समर्थन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक भाजपा के अलावा किसी दल ने काशी-मथुरा की बात नहीं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी का नया स्वरूप देने में ऐतिहासिक काम किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सनातन धर्म व संस्कृति को बचाने के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इससे हर वर्ग के लोगों का विकास हो रहा है। हमारी प्राचीन सभ्यता व परंपरा भी बची है। इसी कारण संत भाजपा को सत्ता में लाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेंगे।
रेशम सिंह का निर्मल अखाड़ा से संबंध नहीं : देवेंद्र
निर्मल अखाड़ा के सचिव देवेंद्र शास्त्री ने श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया को अनैतिक बताया है। कहा कि अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों का चुनाव हरिद्वार में हो चुका है। महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी अध्यक्ष व निर्माेही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास को महामंत्री चुना गया। इनके अलावा अन्य पदों पर चुनाव किया गया है। इसके बाद महंत हरि गिरि द्वारा बैठक बुलाने को कोई औचित्य नहीं था। तथाकथित अखाड़ा परिषद की बैठक में छह अखाड़े के महात्मा ही मौजूद थे। निर्मल अखाड़ा का कोई संत उसमें शामिल नहीं हुआ। रेशम सिंह व अन्य लोगों को निर्मल अखाड़ा से कोई संबंध नहीं है। ये गृहस्थ हैं। इनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे लोगों को शामिल करके चुनाव कराना निंदनीय है।