एनएईएल से बने केबल लूम्स से उड़ेगा वायुसेना का लड़ाकू 'तेजस'
नैनी स्थित एचएएल की सब्सिडियरी इकाई एनएईएल ने केबल लूम्स तैयार किए हैं। यह लूम्स वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में लगे हैं। एनएईएल ध्रुव हेलीकॉप्टर के ढांचे और लूम्स तैयार
प्रयागराज : हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को वायुसेना को सौंपा है। इस विमान में प्रयागराज के नैनी स्थित नैनी एरोस्पेस लिमिटेड (एनएईएल) के बने केबल लूम्स लगे हैं। यहां के बने लूम्स की गुणवत्ता की तारीफ एचएएल तेजस प्रभाग के अधिशासी निदेशक पीजी योगेंद्र ने की है।
एचसीएल का अधिग्रहण एचएएल ने दो वर्ष पूर्व किया था
दरअसल, नैनी में कई वर्षों से बंद पड़ी हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) का अधिग्रहण एचएएल ने एक फरवरी 2017 को किया था। कंपनी का पुनरोद्धार करके एचएएल ने इसे अपनी 100 फीसद सब्सिडियरी नैनी एरोस्पेस लिमिटेड के रूप में स्थापित किया। यहां करीब पांच महीने में ही तेजस एयरक्राफ्ट और ध्रुव हेलीकॉप्टर के केबल लूम्स बनाने का काम शुरू हो गया था। एक साल के अंदर एरो स्ट्रक्चर हैंगर का निर्माण करके ध्रुव हेलीकॉप्टर का स्ट्रक्चर बनाने का काम भी शुरू हो गया था। एनएईएल अब तक एचएएल को 600 से ज्यादा लूम्स और चार सेट हेलीकॉप्टर स्ट्रक्चर की आपूर्ति कर चुका है।
प्रशिक्षण के बाद एचसीएल कर्मियों ने ही इस लूम्स को तैयार किया
एनएईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके मिश्रा बताते हैं कि यह केबल लूम्स उन्हीं कर्मचारियों द्वारा तैयार किए गए हैं, जो एचसीएल में काम करते थे और 50 साल से ऊपर हो गए हैं। उन्हें प्रशिक्षण देकर लूम्स और हेलीकॉप्टर का स्ट्रक्चर बनाने के लिए तैयार किया गया। वह बताते हैं कि एचएएल के अधिशासी निदेशक ने मैसेज भेजकर लूम्स की गुणवत्ता की तारीफ की है। उनके मुताबिक बेंगलुरु में एचएएल का एलसीए तेजस डिवीजन है। जहां लड़ाकू विमान बनाने के बाद टेस्टिंग करके भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाता है।