कृषि वैज्ञानिकों ने दिया टिप्स, किसान चना को झुलसा रोग से बचाने को फसल में फूल आने से पहले करें दवा का छिड़काव
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से कहा कि झुलसा रोग फसल को कमजोर कर देता है। फसल को बचाने के लिए किसानों को चाहिए। वह नई तकनीकी के तहत समय-समय पर बताए गए नुस्खे पर अमल करें जिससे उनकी साल भर की मेहनत बेकार ना जाए और बेहतर उत्पादन मिले।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के नैनी में सैम हिग्गिनबाॅटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय है। यहां आयोजित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है। कहा है कि चना के फसल में झुलसा रोग की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टयर 2.0 किग्रा जिंक मैग्नीज कार्बामेट को 800 लीटर पानी में घोलकर फूल आने से पूर्व व 10 दिन के अन्तराल पर दूसरा छिड़काव करें।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि झुलसा रोग फसल को कमजोर कर देता है। फसल को बचाने के लिए किसानों को चाहिए कि वह नई तकनीकी के तहत समय-समय पर बताए गए नुस्खे पर अमल करें, जिससे उनकी साल भर की मेहनत बेकार ना जाए और बेहतर उत्पादन मिल सके।
उर्वरक प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि गेहूं में बलुअर दोमट भूमि में नाइट्रोजन की शेष एक तिहाई मात्रा अर्थात 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग कर दें। शीतकालीन मक्का खेत में दूसरी निराई-गुड़ाई, बोआई के 40-50 दिन बाद करके खरपतवार निकाल दें। शीतकालीन मक्का नाइट्रोजन की 40 किग्रा मात्रा (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग जीरा निकलने के पूर्व करें। उर्वरक प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। भारी मृदा में प्रति हेक्टयर 60 किग्रा नाइट्रोजन (132 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेसिंग के बाद और बलुई दोमट भूमि में 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की टाप ड्रेंसिग पर और 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) की दूसरी टाप ड्रेंसिग के बाद कर दें।
पशुओं को निरोग रखने के लिए पशुशालाओं को स्वच्छ और सूखा रखें
किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि पिछले माह रोपी गई टमाटर की उन्नत किस्मों में प्रति हेक्टयर 40 किग्रा नाइट्रोजन (88 किग्रा यूरिया) व संकर, असीमित बढ़वार वाली किस्मों के लिए 55-60 किग्रा नाइट्रोजन (120-130 किग्रा यूरिया) की प्रथम टाप ड्रेसिग रोपाई के 20-25 दिन बाद करें। लहसुन में नाइट्रोजन की दूसरी व अंतिम टाप ड्रेसिग बोआई के 60 दिन बाद प्रति हेक्टयर 74 किग्रा यूरिया की दर से करनी चाहिए। पशुशाला में बिछाली को सुखा कर रखें। पशुओं में रोग बढ़ने लगते हैं सबसे अधिक खुर पका की संभावना बढ़ जाती है पशुओं को निरोग रखने के लिए पशुशालाओं को स्वच्छ और सूखा रखना जरूरी है, इससे उनका स्वास्थ्य भी बना रहता है। चारा देने से पहले इसका ख्याल रखना जरूरी है।