बेरोजगारों से ठगी को पश्चिमी यूपी में रखे एजेंट
नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने का मामला सामने आया है।लखनऊ प्रयागराज में गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिरों की धरपकड़ की कवायद कर रही है।
By Edited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 07:20 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 10:19 AM (IST)
फरहत खान, प्रयागराज : नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की जालसाज ठगी कर रहे हैं। अब इनका लक्ष्य पश्चिम उत्तर प्रदेश के युवा हैं। पिछले दिनों जालसाजों की धर-पकड़ के बाद अब एसटीएफ उन्हें पकड़ने की कवायद कर रही है।
बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर पैसे ऐंठा जाता है
लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और जौनपुर में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले जालसाजों के निशाने पर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश है। वहां के बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर जालसाजी का ताना बाना बुनने वाले हाईटेक गिरोह ने बाकायदा इसके लिए एजेंट रखे थे। एटा, बिजनौर, मेरठ से युवकों को फंसाकर लाने पर कमीशन तय था। लखनऊ, प्रयागराज में गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिरों की धरपकड़ के लिए निगरानी कर रही है।
लखनऊ और प्रयागराज की एसटीएफ ने राजफाश किया था
उत्तर प्रदेश और बिहार में राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद नामक फर्जी संस्था के जरिए करोड़ों की ठगी की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो विकास परिषद के अलावा जाली शैक्षणिक दस्तावेज बनाने के नाम पर भी लाखों वसूले गए। लखनऊ एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच जालसाजों को पकड़ा तो प्रयागराज एसटीएफ ने कार्यालय सीज कर सरगना समेत दो को गिरफ्तार किया। लखनऊ में जिन तेरह लोगों के खिलाफ जालसाजी का केस हुआ, उसमें बिजनौर के कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले अंकित, सुमित गौतम, रवि को नामजद किया गया।
कई जिलों में आफिस खोलकर बेरोजगारों को फंसाते थे
यह तीनों बिजनौर, हापुड़ और मेरठ में आफिस खोल बेरोजगारों को फंसाकर लखनऊ लाते थे। एटा का मानवेंद्र अंबेडकर नगर का गिरीश वर्मा और जौनपुर का संदीप मिश्र जालसाजी गिरोह के प्रमुख सदस्य थे। यह सब बेरोजगारों को पशुधन अधिकारी, कार्यालय सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, निरीक्षक और क्लर्क के पदों पर भर्ती कराने के लिए लखनऊ के गोमती नगर स्थित कार्यालय या फिर प्रयागराज के शिवकुटी कार्यालय लाते थे।
बाकायदा एजेंट लगे थे
गिरोह के पास से एक दर्जन से अधिक युवकों के हाईस्कूल इंटर के प्रमाण पत्र मिले हैं जिनके नाम पर उच्च शिक्षा के प्रमाण पत्र बनाने के लिए रुपये वसूले गए थे। इस गिरोह ने अखबारों में नौकरी के सरकारी नोटफिकेशन छपवाया था। इसी विज्ञापन को लेकर एजेंट बेरोजगारों को फंसाने के लिए गांव-गांव जाते थे। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को दबोचा एसटीएफ ने शिवकुटी स्थित कार्यालय को सीज कर हेमंत बनर्जी पुत्र केसी बनर्जी निवासी देवोग्राम ननूर, वीरभूमि, पश्चिम बंगाल और मदन कुमार पुत्र भगौतीदीन निवासी उदापुर, जेठवारा, प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया था।
जालसाजी और ठगी का भंडाफोड़ हुआ
राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद (भारत सरकार का उपक्रम) लिखे हुए पैड, लेटर हेड, नियुक्ति पत्र, आइडी कार्ड विभिन्न विभागों के फर्जी पैड, नौ कंप्यूटर, लैपटाप, सीडी, प्रिंटर, परीक्षा, इंटरव्यू, कॉल लेटर और नियुक्ति पत्र बरामद किया तो उत्तर प्रदेश के कई और जिलों में चल रही जालसाजी और ठगी का भंडाफोड़ हुआ। एसटीएफ सीओ नवेन्दु कुमार ने बताया कि अब बिजनौर के अंकित, सुमित गौतम और रवि तथा एटा के मानवेंद्र, अंबेडकर नगर के गिरीश वर्मा, जौनपुर के संजीव और बिहार के सर्वजीत की तलाश की जा रही है।
बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर पैसे ऐंठा जाता है
लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और जौनपुर में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले जालसाजों के निशाने पर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश है। वहां के बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देकर जालसाजी का ताना बाना बुनने वाले हाईटेक गिरोह ने बाकायदा इसके लिए एजेंट रखे थे। एटा, बिजनौर, मेरठ से युवकों को फंसाकर लाने पर कमीशन तय था। लखनऊ, प्रयागराज में गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिरों की धरपकड़ के लिए निगरानी कर रही है।
लखनऊ और प्रयागराज की एसटीएफ ने राजफाश किया था
उत्तर प्रदेश और बिहार में राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद नामक फर्जी संस्था के जरिए करोड़ों की ठगी की गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो विकास परिषद के अलावा जाली शैक्षणिक दस्तावेज बनाने के नाम पर भी लाखों वसूले गए। लखनऊ एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ कर पांच जालसाजों को पकड़ा तो प्रयागराज एसटीएफ ने कार्यालय सीज कर सरगना समेत दो को गिरफ्तार किया। लखनऊ में जिन तेरह लोगों के खिलाफ जालसाजी का केस हुआ, उसमें बिजनौर के कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले अंकित, सुमित गौतम, रवि को नामजद किया गया।
कई जिलों में आफिस खोलकर बेरोजगारों को फंसाते थे
यह तीनों बिजनौर, हापुड़ और मेरठ में आफिस खोल बेरोजगारों को फंसाकर लखनऊ लाते थे। एटा का मानवेंद्र अंबेडकर नगर का गिरीश वर्मा और जौनपुर का संदीप मिश्र जालसाजी गिरोह के प्रमुख सदस्य थे। यह सब बेरोजगारों को पशुधन अधिकारी, कार्यालय सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, निरीक्षक और क्लर्क के पदों पर भर्ती कराने के लिए लखनऊ के गोमती नगर स्थित कार्यालय या फिर प्रयागराज के शिवकुटी कार्यालय लाते थे।
बाकायदा एजेंट लगे थे
गिरोह के पास से एक दर्जन से अधिक युवकों के हाईस्कूल इंटर के प्रमाण पत्र मिले हैं जिनके नाम पर उच्च शिक्षा के प्रमाण पत्र बनाने के लिए रुपये वसूले गए थे। इस गिरोह ने अखबारों में नौकरी के सरकारी नोटफिकेशन छपवाया था। इसी विज्ञापन को लेकर एजेंट बेरोजगारों को फंसाने के लिए गांव-गांव जाते थे। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को दबोचा एसटीएफ ने शिवकुटी स्थित कार्यालय को सीज कर हेमंत बनर्जी पुत्र केसी बनर्जी निवासी देवोग्राम ननूर, वीरभूमि, पश्चिम बंगाल और मदन कुमार पुत्र भगौतीदीन निवासी उदापुर, जेठवारा, प्रतापगढ़ को गिरफ्तार किया था।
जालसाजी और ठगी का भंडाफोड़ हुआ
राष्ट्रीय पशु एवं डेयरी विकास परिषद (भारत सरकार का उपक्रम) लिखे हुए पैड, लेटर हेड, नियुक्ति पत्र, आइडी कार्ड विभिन्न विभागों के फर्जी पैड, नौ कंप्यूटर, लैपटाप, सीडी, प्रिंटर, परीक्षा, इंटरव्यू, कॉल लेटर और नियुक्ति पत्र बरामद किया तो उत्तर प्रदेश के कई और जिलों में चल रही जालसाजी और ठगी का भंडाफोड़ हुआ। एसटीएफ सीओ नवेन्दु कुमार ने बताया कि अब बिजनौर के अंकित, सुमित गौतम और रवि तथा एटा के मानवेंद्र, अंबेडकर नगर के गिरीश वर्मा, जौनपुर के संजीव और बिहार के सर्वजीत की तलाश की जा रही है।
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