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चौराहों पर उमस भरी गर्मी में उम्रदराज होमगार्ड संभाल रहे यातायात Prayagraj News

55 से 58 साल तक के होमगार्डों की शहर के चौराहाें पर तैनाती की जाती है। वह उमस भरी गर्मी में थककर चूर हो जाते हैं। 50 किलोमीटर दूर लगाई बुजुर्ग होमगार्ड की ड्यूटी जा रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 06:35 PM (IST)
चौराहों पर उमस भरी गर्मी में उम्रदराज होमगार्ड संभाल रहे यातायात Prayagraj News
चौराहों पर उमस भरी गर्मी में उम्रदराज होमगार्ड संभाल रहे यातायात Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। ट्रैफिक पुलिस में होमगार्डों की तैनाती में खूब मनमानी की जा रही है। शहर में ट्रैफिक संचालन में बूढ़े होमगार्ड तैनात कर दिये जा रहे हैं जो चौराहों पर आठ घंटे तक खड़े रहने से निढाल हो जाते हैं। शासनादेश की अनदेखी करते हुए 50 किलोमीटर दूर के बुजुर्ग होमगार्डों की ड्यूटी शहर में लगा दी जा रही है। उधर जवान होमगार्ड अपने ब्लाक में तैनात हैं। इसमें धन उगाही के भी आरोप लग रहे हैं जिसमें होमगार्ड कार्यालय के कर्मचारी शामिल हैं।

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सेवानिवृत्त होने के कगार पर पहुंच चुके ये होमगार्ड थकान से चूर हो जाते हैं

यातायात संचालन में सहयोग के लिए प्रयागराज ट्रैफिक पुलिस को 434 होमगार्ड आवंटित हैं। शहर में होमगार्ड जवानों की तैनाती का जायजा लेने पर पता चलता है कि मनमानी का आलम दिखा। बिना कोई ट्रेनिंग दिलाए चौराहों पर 55 से 58 साल के होमगार्डों को यातायात संभालने के काम में लगाया गया है। सेवानिवृत्त होने के कगार पर पहुंच चुके ये होमगार्ड थकान से चूर हो जाते हैं। 55 से ज्यादा उम्र के कई होमगार्ड इस कदर निढाल दिखे कि चलने में भी लडख़ड़ा रहे थे।

होमगार्डों की नहीं सुनी जाती

होमगार्डों का कहना है कि वह कार्यालय में गुहार लगाने जाते हैं कि उन्हें उनके ब्लाक क्षेत्र में ड्यूटी दी जाए तो काम से हटाने की धमकी दी जाती है। सच यह है कि होमगार्ड को चौराहे पर खड़ा कर ट्रैफिक पुलिस के सिपाही और दारोगा छाये में बैठ जाते हैं। आए दिन चौराहों पर जाम लगने के पीछे होमगार्ड की तैनाती में की जा रही ये गड़बड़ी ही है। शासन से निर्देश है कि होमगार्ड की तैनाती उनके ब्लाक में की जाए पर मांडा, मेजा, बहरिया, फूलपुर समेत अन्य दूरस्थ क्षेत्र के बुजुर्ग होमगार्ड को शहर के चौराहों पर तैनात किया जाता है।

बिना ट्रेनिंग कर दी ट्रैफिक में नियुक्ति

होमगार्डों को ट्रैफिक पुलिस में भेजने से पहले एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाता रहा है। मगर पिछले साल 50 होमगार्ड बिना ट्रेनिंग कराए ट्रैफिक पुलिस में भेज दिए गए। अभिलेखों में उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त दिखाया गया है पर कई होमगार्ड ने जागरण को बताया कि उन्हें ट्रेनिंग और प्रमाणपत्र नहीं मिला।

बोले जिला होमगार्ड कमांडेंट

जिला होमगार्ड कमांडेंट अमित पांडेय कहते हैं कि ब्लाक में निर्धारित ड्यूटी से ज्यादा होमगार्ड होने की वजह से मजबूरन उन्हें दूर भेजना पड़ता है। बुजुर्ग होमगार्ड को ट्रैफिक से हटाकर उनके ब्लाक में ड्यूटी देने की कोशिश होगी।


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