DAP SCAM के बाद प्रदेश भर के भंडार नायकों का दूसरे जिलों में हो रहा तबादला
प्रतापगढ़ के पीसीएफ गोदाम से पांच करोड़ छह लाख रुपये की डीएपी गबन करने के बाद महकमा सख्त हो गया है। एमडी ने प्रदेश के सभी भंडार नायकों को उनके मूल जिले से हटाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को एमडी ने पत्र भेजा है।
प्रतापगढ़, जेएनएन। पीसीएफ गोदाम से पांच करोड़ छह लाख रुपये की डीएपी गबन करने के बाद महकमा सख्त हो गया है। गैर जिलों के भंडार नायक इस तरह से भी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस आशंका को लेकर एमडी ने प्रदेश भर के सभी भंडार नायकों को उनके मूल जिले से हटाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश भर के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को एमडी ने पत्र भेजा है।
एमडी ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को ग्रुप में जारी किया पत्र
पीसीएफ में संतोष कुमार बतौर भंडार नायक के पद पर तैनात था। उसके पास शहर के जिला कार्यालय स्थित पीसीएफ गोदाम, सदर के बड़नपुर व खजोहरी गोदाम का भी चार्ज था। उसने पांच करोड़ छह लाख रुपये कीमत की डीएपी का गबन कर लिया। इसके बाद फोन कर फरार हो गया। इस तरह की घटनाएं अन्य जिलों में भी हो सकती हैं, इस अंदेशा के चलते एमडी ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र जारी करते हुए उनकी सूची तैयार करने को कहा। कई मंडलों में तो क्षेत्रीय प्रबंधकों ने अफसर को सूची भी दे दी है। स्थानांतरण भी शुरू हो गया है।
यह भी फरमान जारी हुआ है कि जिन भंडार सहायकों पर गबन आदि के मामले में वसूली हो रही हो, उनको कतई गोदाम का प्रभार न दिया जाए। एमडी द्वारा ग्रुप में पत्र जारी करने से क्षेत्रीय प्रबंधक सतर्क हो गए हैं। वह रिपोर्ट भेजना शुरू कर दिए हैं।
कर्मियों से पुलिस ने की पूछताछ
खजोहरी गोदाम पर तैनात चौकीदारों से भी कोतवाली पुलिस ने पूछताछ की। हालांकि डरे सहमे कर्मियों ने पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी को बताया। जब पुलिस पूछताछ करके लौट गई तो कर्मियों ने इस पूरे मामले को विभाग को बताया। वहीं पुलिस भी लगातार विभाग के लोगों से बात करके क्लू एकत्रित कर रही है।
आरोपित के नहीं मिल रहे परिवार के लोग
गबन करने वाले भंडार नायक के परिवार के लोग पैतृक घर से अचानक कहीं दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गए हैं। मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन जब पुलिस व विभाग के लोग उसकी धरपकड़ के लिए उसके घर गए तो इस मामले की जानकारी आरोपित हो गई। हालांकि अब उसके बच्चे व परिवार के अन्य सदस्य ढूढ़े नहीं मिल रहे हैं।
गड़बड़ी करने वालों का है रैकेट
डीएपी का गबन करने वालों का एक रैकेट है। इस तरह का खेल पहले भी होता रहा। छोटा गबन होने के मामले को विभाग पचा ले गया, लेकिन जब इतने बड़े मामले को हजम किया तब विभाग में यह बात आग की तरह फैल गई। फिलहाल कुछ ऐसे कर्मी हैं जो मनचाहे अफसर के साथ ही काम करते हैं। जब अफसर का यहां से ट्रांसफर होता है तो वह भी उसी जगह अपना स्थानांतरण करा लेते हैं।