पट्टाभिषेक के बाद बलवीर गिरि बने प्रयागराज में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के नए महंत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि वर्ष 2004 में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत बने थे। उनकी मृत्यु के बाद महंत का पद खाली था। नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि का अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की रजिस्टर्ड वसीयत की थी। आज उनका पट्टाभिषेक हुआ।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सनातन धर्म के वैभव, शक्ति व समर्पण के केंद्र श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी को लगभग 17 साल बाद नया महंत मिल गया। मंगलवार को 13 अखाड़ों के महात्माओं की मौजूदगी में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के उपमहंत बलवीर गिरि का श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत के रूप में पट्टाभिषेक किया गया। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों के संन्यासियों समेत साधु-संत मौजूद रहे। भंडारा भी हुआ, जिसमें देश भर से पधारे हजारों साधु-संतों ने प्रसाद ग्रहण किया।
बलवीर गिरि ने नरेंद्र गिरि की समाधि पर मत्था टेका, किया पूजन
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की श्रद्धांजलि समारोह शुरू होने पर सबसे पहले श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न किया गया। निर्मल अखाड़ा के अध्यक्ष ज्ञानदेव, अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि, विहिप नेता दिनेश जी, शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी, सहित प्रमुख महात्मा मौजूद रहे। श्रद्धांजलि सभा के बाद बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक किया गया। बलवीर ने नरेंद्र गिरि की समाधि पर माथा टेककर पूजन किया। आइजी केपी सिंह भी समारोह स्थल पर पहुंचे थे।
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में भंडारा संपन्न
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में पट्टाभिषेक समारोह के दौरान भंडारा हुआ। पंगत में साधु-संत, संन्यासी ने बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। पट्टाभिषेक समारोह में 10 अखाड़े के महात्मा शामिल हुए। वैष्णव के दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी व निर्मोही अनी अखाड़े के महात्मा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
महंत नरेंद्र गिरि 2004 में बने थे मठ के महंत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि वर्ष 2004 में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत बने थे। उनकी मृत्यु के बाद महंत का पद खाली था। नरेंद्र गिरि ने बलवीर गिरि का अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की रजिस्टर्ड वसीयत की थी, इसलिए श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर ने महंत के रूप में उनके पट्टाभिषेक पर सहमति दी है।
श्रद्धांजलि सभा से कार्यक्रम शुरू हुआ
आज मंगलवार को सर्वप्रथम सुबह 11 बजे श्रीमहंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा से समारोह की शुरूआत हुई। 13 अखाड़ों सहित प्रमुख महात्मा नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक हुआ। श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि व पंचपरमेश्वर ने पहली चादर ओढ़ाई। तत्पश्चात महात्मा चादर ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। पट्टाभिषेक के बाद गुद्दड़ अखाड़ों के महात्माओं को भोजन कराकर दान दिया गया। फिर महात्माओं के लिए भंडारा शुरू हुआ।
विशिष्ट संत प्रयागराज पहुंचे
इस महत्वपूर्ण आयोजन में शामिल होने के लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि, जूना अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि, प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद, महामंडलेश्वर यतींद्रानंद सहित प्रमुख महात्मा प्रयागराज पहुंचे। संतों के आने का क्रम सोमवार की देर रात तक जारी था।
10 हजार लोगों के भोजन का था प्रबंध
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में अहम आयोजन की तैयारी कई दिन से हो रही थी। पूरे मठ परिसर की आकर्षक सजावट की गई। लगभग 10 हजार लोगों के भोजन का प्रबंध किया गया था। कारीगर सोमवार से तैयारी में जुट गए थे।