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डाक्टर की सलाह, सुबह जगने पर ऐसा कतई नहीं करें वरना जान पड़ जाएगी खतरे में

सर्दियों में हृदय की समस्या इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि लोग कंबल या रजाई की गरमाहट से अचानक बाहर निकल पड़ते हैं। इससे शरीर का तापमान अचानक बदलता है और बीपी असंतुलित होने से ब्रेन स्ट्रोक तक हो जाता है जो जानलेवा साबित होता है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:16 AM (IST)
डाक्टर की सलाह, सुबह जगने पर ऐसा कतई नहीं करें वरना जान पड़ जाएगी खतरे में
डाक्टर का कहना है कि अपने शरीर के प्रति भी संवेदनशील बनें और ख्याल रखें

प्रयागराज, जेएनएन। शरीर के सभी अंग में हृदय ऐसा हिस्सा है जिसके रुक जाने से जीवन खत्म हो जाता है। इसके प्रति बेहद सावधान रहने की जरूरत है। आमतौर पर लोग अपना चेकअप तक कराने नहीं जाते हैं और दिक्कत अचानक होती है तो बड़ी परेशानी आ जाती है। सर्दियों में हृदय की समस्या इसलिए भी बढ़ जाती है कि  जगते ही लोग कंबल या रजाई की गरमाहट से अचानक बाहर निकल पड़ते हैं। इससे शरीर का तापमान अचानक बदलता है और बीपी असंतुलित होने से ब्रेन स्ट्रोक तक हो जाता है। इसलिए सावधानी बरतें और ऐसा कतई नहीं करें। यह सलाह रविवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक सचदेवा ने दी। प्रस्तुत है पाठकों की ओर से उनसे हुए प्रश्न मिले उत्तर के प्रमुख अंश।

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प्रश्न : पांच महीने पहले पिता जी को सिर में दिक्कत हुई थी। खून का थक्का जम गया है। उन्हें कहां दिखाएं क्या इलाज कराएं। सुनीता सिंह, करेली

उत्तर : हमारे शरीर में कई आर्गन ऐसे होते हैं जो या तो बीमारी जल्दी लेते नहीं और एक बार बीमारी हो गई तो जल्दी इससे पीछा नहीं छूटता है। आपके पिता जी के ब्रेन में खून का थक्का जमा है, उनकी दवा जीवन भर चलेगी। अस्पताल में उन्हें ले जाकर किसी न्यूरो फिजीशियन को दिखाइए।

प्रश्न : पिता जी को डेढ़ माह पहले स्टेंट डलवाया था, अब उन्हें कभी-कभी हृदय में फिर दर्द महसूस होता है। क्या करें।

अभय कुमार गुप्ता, कटरा

उत्तर : ऐसे मामलों में दर्द ज्यादातर मानसिक तनाव के कारण भी होता है। आपके पिता जी को भी वही दिक्कत लग रही है। एक बार उन्हें अस्पताल लाकर दिखा दीजिए। हो सकता है कि उनके हृदय का इलाज करना पड़े लेकिन यह जांच के बाद ही तय करेंगे।

प्रश्न : सीने में बाईं तरफ दर्द महसूस होता है। करीब एक माह से यह दिक्क्त हो गई है। ईसीजी करा चुके हैं रिपोर्ट नार्मल आई है।

गीता मिश्रा नैनी, ऊषा तिवारी अल्लापुर

उत्तर :आपको ईको भी कराना होगा। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में यह प्राइवेट की अपेक्षा काफी कम शुल्क में होता है। ईको रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपको दर्द क्यों हो रहा है।

प्रश्न : 14 सितंबर से मेरा इलाज चल रहा है। ज्यादा चल फिर लेते हैं तो सांस फूलने लगती है। डाक्टर ने दवाओं में एक टैबलेट चूसने के लिए दिया है। उससे सांस फूलने की दिक्कत में आराम मिल जाता है। स्थाई इलाज क्या है।

कृष्णराज सिंह, हंडिया

उत्तर : दिल की समस्याओं का अब पूरा इलाज संभव है। इसके लिए रोगी को अस्पताल आना होगा। डाक्टर जो बताए वह दवाएं समय से और नियमित लेनी होगी। आप घबराएं नहीं, अस्पताल में जांच के बाद उचित दवाएं निर्धारित कर दी जाएंगी।

प्रश्न : एक सप्ताह पहले सीने में दर्द हुआ था। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। अब आराम है। क्या मुझे एंजियोग्राफी कराने की जरूरत है।

महेंद्र कुमार रस्तोगी, प्रीतमनगर

उत्तर : आपको एंजियोग्राफी जरूर करानी चाहिए। क्योंकिि खतरे कई तरह के होते हैं। एंजियोग्राफी कराने पर आपके हृदय की पूरी स्थिति समझ में आ जाएगी। अब हृदय की बीमारियों का पूरा इलाज संभव है।

प्रश्न : मुझे अर्थराइटिस हुआ है। क्या करें किसे दिखाएं।

उत्सव कुमार यादव, सहसों

उत्तर : आपको गठिया रोग है। गठिया के किसी विशेषज्ञ को दिखाइए। इसके लिए लखनऊ या दिल्ली जाएं तो बेहतर होगा।

प्रश्न : पेशाबी की नली में कुछ दिक्कत हो गई है। कहां इलाज कराएं।

छोटेलाल हनुमानगंज

उत्तर : ऐसा प्रोस्टेट बढ़ने से होता है। आप पेट का अल्ट्रासाउंड कराएं। किसी यूरोलाजिस्ट को दिखाएं। इसके लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय जाएं तो बेहतर होगा।

प्रश्न : कभी-कभी रात में गर्मी ज्यादा लगती है। ऐसे में प्यास भी लगने लगती है। मैं शुगर का भी रोगी हूं।

गिरजा शंकर तिवारी, फूलपुर

उत्तर : हर किसी को अपनी सेहत का उसी तरह से ध्यान रखना चाहिए जैसे हम अपनी गाड़ियों की सर्विस प्रत्येक छह माह या साल भर में कराते हैं। जब गाड़ियों का इतना ध्यान रख सकते हैं तो अपने शरीर का क्यों नहीं।आप भी अपनी समस्या किसी फिजीशियन के पास जाकर बताइए और उनके बताए अनुसार दवा लीजिए।

प्रश्न : हृदय रोग से एक साल से परेशान हूं। रात में नींद नहीं आती। नींद खुल जाती है तो सीने में दर्द महसूस होने लगता है।

अशोक कुमार दुबे, पोंगहट पुलिया मुंडेरा

उत्तर : आप किसी भी हृदय रोग विशेषज्ञ के पास अपनी सभी रिपोर्ट लेकर जाएं। एक बार दवाएं निर्धारित हो जाएं तो उसे नियमित रूप से खाते रहें। दिल के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। डाक्टर के संपर्क में रहें।

प्रश्न : मेरे बड़े भाई को मानसिक तनाव ज्यादा होता है। रात में उनकी नींद खुल जाती है तो हृदय में दर्द महसूस होता है। उन्हें पेस मेकर लग चुका है।

नरेश चंद्र निषाद, झूंसी

उत्तर : किसी हृदय रोग विशेषज्ञ के पास उन्हें ले जाकर दवाएं निर्धारित करा लें। फिर डाक्टर के बताए अनुसार ही संतुलित भोजन व दवाएं लें। मानसिक तनाव की दिक्कत है तो उन्हें मस्तिष्क के किसी डाक्टर को भी दिखाएं।

प्रश्न : सर्दी ज्यादा बढ़ रही है। हवा में भी गलन है। हृदय के मामले में सावधानी कैसे बरतें।

आशाराम यादव, सहसों

उत्तर : आपकी जो भी दवा चल रही है उसे नियमित रूप से लेते रहें। सर्दी के मौसम में अपनी सेहत के प्रति जिम्मेदारी बढ़ जाती है। आप व्यायाम करते हैं तो यह बढ़िया है। मौसमी फल भी खाएं। मार्निंग वाक पर जाते हैं तो ज्यादा भोर में घर से न निकलें।

प्रश्न: थोड़ा सा भी चल लेते हैं तो सांस फूलती है। सीढ़ी चढ़ने पर तो यह समस्या ज्यादा होती है। क्या करें।

आशीष सिंह फूलपुर, आलोक सिन्हा बाई का बाग

उत्तर : आप अपनी पहले की जांच रिपोर्ट लेकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय आइए। वहां देखना पड़ेगा कि फेफड़े में क्या दिक्कत हो रही है।

प्रश्न : 2004 में हृदय में दिक्कत होने पर इलाज कराया था लेकिन ब्लाकेज को डाक्टर ने बिना स्टेंट लगाए ही बैलून से खोल दिया था। अब फिर दिक्कत महसूस होने लगी है।

राकेश कनौजिया, बहरिया

उत्तर : आपको खून पतला रखने की दवा लेनी होगी। पेट में गैस बनती है तो उसकी दवा अलग से चलेगी। आप अस्पताल आइए। जांच के बाद उचित इलाज होगा।

प्रश्न : मैं हृदय रोगी हूं। उम्र 60 साल है। क्या मुझे कोरोना रोधी वैक्सीन लगवानी चाहिए।

जगदीश प्रसाद, कोरांव

उत्तर : हां बिल्कुल, आपको वैक्सीन लगवानी चाहिए। हार्ट का मामला और कोरोना संक्रमण, दोनों अलग-अलग बाते हैं। जो भी लोग हृदय रोगी हैं वे नियमित दवाएं लेते रहें और वैक्सीन जरूर लगबा लें।

इन्होंने भी पूछे सवाल

गीता सिंह प्रीतमनगर, साक्षी मम्फोर्डगंज, बबिता मौर्या मम्फोर्डगंज, श्रुति मिश्रा झूंसी, कैलाश कुमार डांडी नैनी, दारा प्रसाद नैनी, पीडी मिश्रा घूरपुर।

युवाओं में तेजी से बढ़ रहा हृदय रोग

युवाओं में हृदय रोग की समस्या ज्यादा होने लगी है। 30 से 40 साल के लोग अब ओपीडी में सामान्य तौर पर आ रहे हैं। पहले इस आयु वर्ग के रोगी यदा कदा आते थे। कारण है कि लोगों की जीवनशैली बदल गई है। युवा धूमपान सहित अन्य नशा ज्यादा करते हैं और मानसिक तनाव में भी जीते हैं। हृदय रोग से बचना है तो मानसिक तनाव से दूर रहना होगा।

रोज एक घंटे करें व्यायाम

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोज एक घंटे व्यायाम या फिर योग आवश्यक है। ये नहीं कर पा रहे हैं तो पैदल खूब चलें। इससे दिल की धड़कन सामान्य रहती है। मौसम को देखते ही घर से बाहर निकलें। गर्म कपड़े पहनकर रहें। बच्चों का भी ख्याल रखें।


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