प्रयागराज में एडीओ पंचायत बने चेकर और वीडीओ हो गए मेकर
राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को जो धन आवंटित करती है वह ग्राम निधि खाते में आता है जबकि केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों को जो धन आवंटित करती है वह ग्राम पंचायत द्वारा खुलवाए गए केंद्रीय वित्त योजना आयोग के खाते में भेजा जाता है।
प्रयागराज, जेएनएन। जिले के 1637 गांवों की तस्वीर अब बदल गई है। पांच वर्षों से पंचायतों की कमान संभालने वाले ग्राम प्रधान कार्यमुक्त हो गए और शासनादेश के तहत एडीओ पंचायत को ग्राम पंचायतों का प्रशासक बना कर संपूर्ण अधिकार प्रदान कर दिया गया। दरअसल अभी तक ग्राम प्रधान मेकर और ग्राम पंचायत अधिकारी चेकर की भूमिका में काम कर रहे थे लेकिन जैसे ही प्रशासक की नियुक्ति हुई मामला उलट गया। प्रशासक चेकर और ग्राम पंचायत अधिकारी मेकर की भूमिका में आ गए।
वीडीओ की निगरानी में होगा ग्राम पंचायत का कार्य
अब ग्राम पंचायत का कार्य ग्राम पंचायत अधिकारी कराएगा और एडीओ पंचायत उसकी जांच परख कर के धनराशि का हस्तांतरण कराएंगे। पहले ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से धन का आहरण किया जाता था लेकिन अब ग्राम पंचायत अधिकारी और एडीओ पंचायत के संयुक्त हस्ताक्षर से ही धन का आहरण किया जा सकेगा। राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को जो धन आवंटित करती है, वह ग्राम निधि खाते में आता है जबकि केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों को जो धन आवंटित करती है वह ग्राम पंचायत द्वारा खुलवाए गए केंद्रीय वित्त योजना आयोग के खाते में भेजा जाता है। कई ग्राम पंचायतों में विकास कार्य होने के बाद भी भुगतान अधर में लटका हुआ है। उसका मुख्य कारण था कि केंद्रीय वित्त योजना आयोग और ग्राम निधि के खातों में पैसा उपलब्ध नहीं था।
मांडा के सुरवा दलापुर की निवर्तमान प्रधान सुधा देवी ने बताया कि लगभग 10 लाख रुपये से अधिक का कार्य कराया जा चुका है लेकिन खाते में पैसा न होने के कारण भुगतान नहीं हो सका। इसी प्रकार सिरौठी ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान शेषमणि सिंह कहते हैं कि पंचायत भवन निर्माण, इंटरलॉकिंग और दिव्यांग शौचालय का कुल मिलाकर सात लाख रुपये का भुगतान होना शेष है। हाटा ग्राम पंचायत में में दो लाख 66 हजार रुपये का भुगतान नहीं हो सका। इस संबंध में ग्राम पंचायतों के नवनियुक्त प्रशासक/एडीओ पंचायत विजय बहादुर यादव ने बताया कि नियमानुसार जो कार्य कराए गए हैं और उसकी एमबी हुई है, धन उपलब्ध होने पर भुगतान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार ग्राम पंचायतों में कार्य संपादित कराए जाएंगे। दिव्यांग शौचालय, विद्यालय कायाकल्प और पंचायत भवन के अधूरे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराया जाएगा। अगर किसी मजरेेे या मोहल्ले में हैंडपंप खराब होने से पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है तो उसे भी दुरुस्त कराया जाएगा।