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इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश अभी नहीं हो सकेगा, सीटों का ब्‍योरा ही नहीं

इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में नए सत्र के तहत स्नातक और परास्नातक में प्रवेश की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। अब तक पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे जाने की तैयारी भी नहीं हो सकी। यही नहीं अभी तमाम विभागों में पिछले सत्र के प्रवेश भी लंबित हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 11:17 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 11:17 AM (IST)
इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश अभी नहीं हो सकेगा, सीटों का ब्‍योरा ही नहीं
इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय व इससे संबद्ध कालेजों में नए सत्र 2021-22 में पीएचडी में प्रवेश नहीं हुआ है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय व इसके संघटक कालेजों में नए सत्र 2021-22 के तहत पीएचडी में दाखिले के लिए छात्रों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसके पीछे वजह यह है कि प्रवेश प्रकोष्ठ अभी तक विभागों और कालेजों से रिक्त सीटों का ब्यौरा भी नहीं जुटा सका है। कई विभागों में तो पिछले सत्र के प्रवेश भी अभी नहीं हो सके।

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कई विभागों में पिछले सत्र के प्रवेश भी हैं लंबित

नए सत्र के तहत स्नातक और परास्नातक में प्रवेश की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। अब तक पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे जाने की तैयारी भी नहीं हो सकी। यही नहीं अभी तमाम विभागों में पिछले सत्र के प्रवेश भी लंबित हैं। हिंदी विभाग में 2019 का प्रवेश सुलझाने के बाद 2020 का परिणाम भी अब तक नहीं जारी हो सका। ऐसे में नए सत्र में प्रवेश के लिए आवेदन मांगे जाने पर भी संशय बरकारार है।

विभागों के मामले में वार्ता कर आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी : प्रो. आइआर सिद्दीकी

प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. आइआर सिद्दीकी ने बताया कि हिंदी विभाग का परिणाम तैयार कर लिया गया है। विधिक सलाह मिलने के बाद जल्द परिणाम जारी कर दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य विभागों के मामले में भी जल्द वार्ता कर आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

राज्य विश्वविद्यालय का भी पीएचडी में प्रवेश फंसा

प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में भी पीएचडी का प्रवेश अभी लटका हुआ है। राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अखिलेश सिंह ने बताया कि जनवरी के अंत तक पिछले सत्र की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद नए सत्र के आवेदन मांगे जाएंगे। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि पिछले सत्र का प्रवेश पूरा हो गया है। अब छह महीने की प्री-पीएचडी काेर्स वर्क चल रही है। नए सत्र के लिए मार्च में आवेदन मांगे जाने की तैयारी है।


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