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औरैया हादसे के बाद ADG जोन ने जारी की एडवाइजरी, कहा-बसों से पहुंचाएं कामगार Prayagraj News

एडीजी ने निर्देश दिया कि वाहनों की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा न रहे। ओवरलोडिंग न हो। एसिड या गैस सिलेंडर जैसी खतरे वाली वस्तुओं से भरे ट्रक किसी को न बैठने दिया जाए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 09:24 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 09:24 AM (IST)
औरैया हादसे के बाद ADG जोन ने जारी की एडवाइजरी, कहा-बसों से पहुंचाएं कामगार Prayagraj News
औरैया हादसे के बाद ADG जोन ने जारी की एडवाइजरी, कहा-बसों से पहुंचाएं कामगार Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। औरेया में ट्रक की टक्कर से डीसीएम सवार 26 प्रवासी कामगारों की मौत के बाद शासन की नाराजगी पर पुलिस अधिकारी हरकत में आ गए हैं। घटना के बाद यहां भी पुलिस अधिकारियों ने कई चेक पोस्ट पर जाकर बाहर से आ रहे प्रवासी कामगारों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम कराया है। इसके साथ ही एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने रविवार को कामगारों की हिफाजत के लिए गाइडलाइन भी जारी की है।

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वाहनों की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा न रहने के निर्देश

एडीजी ने निर्देश दिया कि वाहनों की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा न रहे। ओवरलोडिंग नहीं होनी चाहिए। एसिड या गैस सिलेंडर जैसी खतरे वाली वस्तुओं से भरे ट्रक के साथ किसी को बैठने नहीं दिया जाए। पुलिस गाडिय़ों का काफिला बनाकर रवाना करने से पहले वीडियो रिकाॢडंग भी कर लें। कामगारों को बैठाकर बसों या दूसरे वाहनों की रवानगी से पहले पुलिस अधिकारी लाउड हेलर के जरिए चालकों को हिदायत दें कि वह तेज रफ्तार में गाड़ी नहीं चलाएंगे, ओवरटेक करने और अचानक ब्रेक लगाने से भी बाज आएं।

चालक को सोने के लिए कहें, ताकि नींद की वजह से दुर्घटना नहीं होने पाए

लंबी दूरी से आने वाले वाहनों को रोककर उनके ड्राइवर को सोने के लिए कहा जाए ताकि नींद की वजह से दुर्घटना नहीं होने पाए। प्रवासियों को पैदल, साइकिल या बाइक पर नहीं जाने दिया जाए। कोई कोरोना संक्रमित लगता है तो उसका मेडिकल चेकअप कराया जाए। मजदूरों के साथ सम्मान का बर्ताव किया जाए। लोगों को बैठाकर लाने वाले ट्रक को सीजकर ड्राइवर का चालान किया जाएगा।

ट्रेनों की लेटलतीफी से बढ़ी कामगारों की मुश्किल

दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को सकुशल उनके घर पहुंचाने के लिए चलीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। सुबह की ट्रेन दोपहर में और दोपहर की ट्रेन शाम को पहुंच रही है। रेलवे एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन कर रहा है। शुरुआत में सीमित गाडिय़ां चल रही थीं तो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने गंतव्य तक समय पर पहुंच जा रही थीं। जब से ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी गई है, तब से लेटलतीफी भी बढ़ गई है।

ट्रेन यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है

गुजरात से 17-18 घंटे में आने वाली गाडिय़ां लगभग 23-24 घंटे लगा रही हैं। रविवार को सूरत से आने वाली पहली गाड़ी को सुबह आना था तो वह दोपहर को आई। लोगों की स्वास्थ्य की जांच होने के बाद लगभग तीन बजे उन्हें प्रयागराज से रवाना किया जा सका। गोरखपुर के रहने वाले अखिलेश ने बताया कि हम लोग अब आधी रात में अपने गृह जनपद पहुंचेंगे। वहां से घर कैसे जाएंगे, इसकी चिंता अभी से सता रही है। रविवार को सूरत से दूसरी गाड़ी रात में आई। उस ट्रेन से भी उतरे लोगों को ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ा।

बोले, प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी

प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन जहां से चल रही हैं, वहीं से समय पर रवाना नहीं हो पा रही हैं। इसलिए लेट हो रही हैं।


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