Move to Jagran APP

हाई कोर्ट को अपर महाधिवक्ता ने दी जानकारी, तब्लीगी और अन्य कोरोना संदिग्ध नहीं जा रहे घर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याची को इसका ब्योरा देने को कहा है जिससे सरकार से उसको लेकर जानकारी मांगी जा सके।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 08:34 PM (IST)
हाई कोर्ट को अपर महाधिवक्ता ने दी जानकारी, तब्लीगी और अन्य कोरोना संदिग्ध नहीं जा रहे घर
हाई कोर्ट को अपर महाधिवक्ता ने दी जानकारी, तब्लीगी और अन्य कोरोना संदिग्ध नहीं जा रहे घर

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट को अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि मैनपुरी में क्वारंटाइन सेंटर में रखे कोरोना संदिग्ध 30 तब्लीगी जमात से जुड़ व अन्य लोगों को छोड़ दिया गया है, लेकिन कई लोगों के परिवार वालों ने उन्हें लेने से मना कर दिया है। इससे वह अपनी मर्जी से सेंटर में रह रहे हैं। किसी की भी मर्जी के खिलाफ निरुद्धि नहीं की गयी है। 

loksabha election banner

वहीं, याची ने कहा कि सौ से अधिक लोगों की क्वारंटाइन अवधि बीतने के बाद भी सेंटर में रखा गया है। कोर्ट ने याची को इसका ब्योरा देने को कहा है, जिससे सरकार से उसको लेकर जानकारी मांगी जा सके। याचिका पर अगली सुनवाई 27 मई को होगी। यह आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने शाद अनवर की जनहित याचिका पर दिया है।

याची ने 30 लोगों को क्वारंटाइन अवधि बीतने के बाद भी जबरन अवैध निरुद्धि में रखने की शिकायत करते हुए जनहित याचिका कायम कर समादेश जारी करने की मांग की थी। सरकार की तरफ से बताया गया कि सभी को छोड़ दिया गया है। इस पर कहा कि सौ से अधिक लोगों को अभी भी नहीं छोड़ा गया है।

क्वारंटाइन सेंटर में गंदगी व अस्पतालों में असुविधा मामले की सुनवाई टली

विधि संवाददाता, प्रयागराज : प्रयागराज में बने क्वारंटाइन सेंटर में व्याप्त गंदगी व सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की कमी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कायम जनहित याचिका की सुनवाई अब 28 मई को होगी। गौरव कुमार गौर की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। प्रदेश के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट से कहा कि अस्पतालों के बारे पेश किये गये फोटोग्राफ उपलब्ध नहीं कराये गये। इसकी वजह से वह जवाब देने में सक्षम नहीं है। इस पर कोर्ट ने याची व महानिबंधक कार्यालय से पूरी पत्रावली अपर महाधिवक्ता को 22 मई तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही राज्य सरकार से 27 मई तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि जवाबी हलफनामे की प्रति याची को भी दी जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.