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Action on Mafia : कभी थे अतीक के शार्प शूटर, अब खुद सरगना बन गए थे कम्‍मो और जाबिर, एक भाई जेल में दूसरा फरार

Action on Mafia वर्ष 2015 में ईद के दिन धूमनगंज थाना क्षेत्र के मरियाडीह में प्रधान आबिद की चचेरी बहन अल्कमा और ड्राइवर को गोलियों से भून दिया गया था। दोहरे हत्याकांड में आबिद ने कम्मों और जाबिर समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 07:09 AM (IST)
Action on Mafia : कभी थे अतीक के शार्प शूटर, अब खुद सरगना बन गए थे कम्‍मो और जाबिर, एक भाई जेल में दूसरा फरार
कम्मो और जाबिर ने खुद को अतीक गैंग से अलग करके नया गुट बनाया।

प्रयागराज,जेएनएन। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने पुलिस की मदद से जिस कम्मो और उसके भाई जाबिर के मकान को ध्वस्त किया, वह दोनों शातिर अपराधी हैं। जाबिर इस वक्त जेल में है और कम्मो फरार चल रहा है। माफिया अतीक अहमद के खास शूटर रहे दोनों भाई अलग गुट बनाकर प्रापर्टी डीलिंग का काम शुरू किए थे। अपराध के जरिए भी चल व अचल संपत्ति अर्जित कर रहे थे। कम्मो और जाबिर के अवैध निर्माण पर जेसीबी चलने से उनके करीबी भी बेचैन हो गए हैं। अब उन्हें भी कार्रवाई का डर सताने लगा है। 

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जाबिर पर हैं 18 मुकदमें और कम्‍मू पर 16

पुलिस के मुताबिक, कैंट थाना क्षेत्र के बेली गांव निवासी जाबिर पर 18 और कम्मू पर 16 आपराधिक मुकदमे हैं। इनके विरुद्ध ज्यादातर मुकदमे धूमनगंज और कैंट थाने में पंजीकृत हैं। दोनों भाई अतीक अहमद के खास गुर्गे व शूटर थे। जानकारों का कहना है कि सपा सरकार में कम्मू और जाबिर ने करेली थाना क्षेत्र स्थित कब्रिस्तान की कुछ जमीन को प्लाटिंग करके बेच दिया था। तमाम लोगों ने उस जमीन पर मकान भी बनवा लिया था। इससे नाराज अतीक ने जेसीबी लगवाकर मकान को गिरवा दिया था। यहीं, से उनके रिश्तों में खटास आ गई।

इस मामले में खुलकर दुश्‍मनी आ गई थी सामने

इसके बाद वर्ष 2015 में ईद के दिन धूमनगंज थाना क्षेत्र के मरियाडीह में प्रधान आबिद की चचेरी बहन अल्कमा और ड्राइवर को गोलियों से भून दिया गया था। दोहरे हत्याकांड में आबिद ने कम्मों और जाबिर समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गलत नामजदगी का आरोप लगाते हुए हंगामा भी हुआ था। इससे मामला और बिगड़ गया। सरकार बदलने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर दोहरे हत्याकांड की विवेचना शुरू हुई तो कहानी पलट गई। पुलिस ने दावा किया कि अतीक और अशरफ के इशारे पर आबिद प्रधान ने साजिशन हत्या करवाई और फिर दोनों भाइयों को फंसा दिया। इस घटनाक्रम के बाद कम्मो और जाबिर ने खुद को अतीक गैंग से अलग करके नया गुट बनाया। फिर अपराध के बल पर प्रापर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया।


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