Action on Mafia Atiq Ahmad: बाड़े में 'टाइगर और जगीरा ' , 'तूफान' भेजा गया केसरिया Prayagraj News
Action on Mafia अतीक ने करीब 12 साल पहले छह घोड़े राजस्थान के मारवाड़ बालोतरा और पंजाब से मंगवाए थे। इसमें तीन लाल और तीन काले रंग के हैं। उस समय इनकी कीमत करीब दो लाख रुपये थी। इसी तरह पांच विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते विदेश से मंगवाए थे।
प्रयागराज,जेएनएन। यह समय का चक्र है जब बदलता है तो क्या खास और क्या आम। शासन ने बाहुबली माफिया अतीक अहमद पर शिकंजा कसा तो उसके चहेते बेजुबान भी दाने-दाने को मोहताज हो गए। प्रशासन की कार्रवाई में अतीक के आशियाने के साथ अस्तबल भी जमींदोज कर दिया गया। घरवालों ने रिश्तेदारों के यहां शरण ली लेकिन बेजुबान जानवरों को वहीं छोड़ गए। टाइगर और जगीरा समेत पांच विदेशी नस्ल के कुत्ते वहीं बाड़े में रह रहे हैं तो तूफान समेत चार घोड़ों को अतीक के पैतृक गांव केसरिया भेज दिया गया है। दो को मुबारकपुर में रहने वाले एक करीबी के यहां भिजवाया गया है।
अतीक ने करीब 12 साल पहले छह घोड़े राजस्थान के मारवाड़, बालोतरा और पंजाब से मंगवाए थे। इसमें तीन लाल और तीन काले रंग के हैं। उस समय इनकी कीमत करीब दो लाख रुपये थी। इसी तरह पांच विदेशी नस्ल के खूंखार कुत्ते विदेश से मंगवाए थे। इन कुत्तों को अतीक ने शेरू, टाइगर, रंगा, बिल्ला नाम दिया था। उसका सबसे चहेता जगीरा था। घोड़ों में उसका सबसे दुलारा तूफान था। जबकि, बादल, जोशीला और सांगा पर कभी-कभी घुडसवारी करता था।
राकेश के जिम्मे कुत्तों की देखभाल
कुत्तों के खान-पान की व्यवस्था करीबी राकेश के जिम्मे है। इसके लिए अतीक के घरवाले कुछ रुपये भी देते हैं। जानकारों के मुताबिक लाल रंग के घोड़े को कुमैड और काले को मुस्सी कहते हैं। काले वाले दो घोड़े ङ्क्षसधी चाल के हैं। जबकि दो को उनके बेहद करीबी मुबारकपुर के एक व्यक्ति को देखरेख के लिए सौंप दिया गया। यह बेहद गोपनीय रखा गया है। इस बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
लखनऊ में घोड़े का निकाला था जुलूस
अतीक अहमद जब सपा में था, तब लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बड़ी रैली थी। इसमें अतीक अहमद अपने घोड़ों के साथ ही 60 और घोड़े लेकर गया था। जुलूस में खुद घोड़े पर सवार था। इसके अलावा मोहर्रम के जुलूस में भी अतीक अपने भाई अशरफ के साथ घोड़े पर सवार होकर निकलता था।