Accident in Prayagraj : कोचिंग से लौट रहे दो छात्रों को बस ने कुचला, घर में मचा कोहराम
Accident in Prayagraj फाफामऊ पुल के पास एक बस ने टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही छात्र सड़क पर गिर पड़े तो बस उन्हें कुचलते ही आगे निकल गई। हादसा देख वहां भीड़ जमा हो गई और दोनों तरफ वाहनों के पहिए थम गए।
प्रयागराज,जेएनएन। कोचिंग से घर लौट रहे स्कूटी सवार छात्र 17 वर्षीय रितेश कुमार सिंह व 16 वर्षीय शशांक जायसवाल को शनिवार शाम रोडवेज बस ने कुचल दिया। इससे दोनों की मौत हो गई। दर्दनाक हादसा फाफामऊ पुल के करीब प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर हुआ। छात्रों की मौत से परिवार में मातम छा गया। सोरांव पुलिस मामले की जांच कर रही है।
तेलियरगंज से कोचिंग पढ़कर घर लौट रहे थे
शांतिपुरम के सेक्टर डी में निवासी बृजेंद्र सिंह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ में सिपाही हैं। उनका बेटा रितेश प्रयागराज पब्लिक स्कूल में 11वीं का छात्र था। उसी मुहल्ले में रहने वाले राजेंद्र जायसवाल सिविल लाइंस स्थित एक शराब दुकान में बतौर सेल्समैन काम करते हैं। उनका बेटा शशांक गुरुकुल मांटेसरी शांतिपुरम में 11वीं का छात्र था। दोनों छात्र दोस्त थे और तेलियरगंज स्थित एक कोचिंग में एक साथ पढ़ते थे। घरवालों के मुताबिक, रितेश व शशांक रोजाना तीन बजे कोचिंग के लिए जाते थे और पांच बजे वापस आते थे। शनिवार को भी दोनों स्कूटी से आ रहे थे, तभी फाफामऊ पुल के पास एक बस ने टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही छात्र सड़क पर गिर पड़े तो बस उन्हें कुचलते ही आगे निकल गई। हादसा देख वहां भीड़ जमा हो गई और दोनों तरफ वाहनों के पहिए थम गए। खबर पाकर पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद घरवालों को सूचना दी। थोड़ी देर में स्वजन भी रोते-बिलखते वहां पहुंच गए। इंस्पेक्टर सोरांव आशुतोष तिवारी का कहना है कि कुछ लोगों ने रोडवेज बस से हादसा होने की जानकारी दी है। चालक बस लेकर प्रतापगढ़ की ओर भागा है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जानकारी जुटाई जा रही है।
मां हुई बेसुध, बिलखती रही बहनें
बेटे के मौत की खबर सुन रितेश की मां किरण सिंह बेसुध हो गईं। छोटा भाई नितेश, बहन रितीका भी बिलखती रही। शशांक के स्वजन भी बेहाल रहे। मां उमा, बहन स्वाती व मोना रोती रहीं। दोनों के पिता भी स्तब्ध रहे, उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह कैसे हो गया।
हेलमेट से बच सकती थी जान
घटना स्थल पर पहुंचे लोगों ने छात्रों की हालत देख दंग रह गए। उनके मुंह पर मास्क तो लगा था, लेकिन सिर पर हेलमेट नहीं था। कुछ लोगों का कहना था कि अगर दोनों छात्र हेलमेट लगाए रहते थे, शायद उनकी जान बच सकती थी।