दो सप्ताह में तीस विद्यालयों के शिक्षकों से संवाद करेंगे अकादमिक रिसोर्स पर्सन, ऑनलाइन पढ़ाई के देंगे टिप्स Prayagraj News
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि जो ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी उनकी निगरानी भी ऑनलाइन होगी। अकादमिक रिसोर्स पर्सन व डायट के मेंटर अपने क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों से ऑनलाइन जुड़ेंगे और आवश्यक सुझाव भी देंगे। इसका विवरण भी प्रेरणा गुणवत्ता एप पर अपलोड करेंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। सभी परिषदीय स्कूलों के विद्याॢथयों की कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं। वाट्स्एप के जरिए शैक्षणिक सामग्री भेजी जा रही है। प्रत्येक शिक्षक को लेसन प्लान बनाकर शिक्षण के लिए निर्देशित किया गया है। यह भी कहा गया है कि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाए। जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है उनके आसपास के लोगों को चिह्नित कर उनके मोबाइल पर शैक्षणिक सामग्री भेजें। उनसे आग्रह करें कि वह बच्चों को कम से कम तीस मिनट का समय दें।
ऑनलाइन शिक्षकों से जुड़ेंगे
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि जो ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी उनकी निगरानी भी ऑनलाइन होगी। अकादमिक रिसोर्स पर्सन व डायट के मेंटर अपने क्षेत्र के स्कूलों के शिक्षकों से ऑनलाइन जुड़ेंगे और आवश्यक सुझाव भी देंगे। इसका विवरण भी प्रेरणा गुणवत्ता एप पर अपलोड करेंगे।
ऑनलाइन पढ़ाई के देंगे टिप्स
ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) दो सप्ताह में कम से कम तीस विद्यालयों के सभी शिक्षकों से संवाद स्थापित करने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह एसआरजी को भी दो सप्ताह में बीस विद्यालयों के शिक्षकों से बात कर सुझाव देना होगा। डायट मेंटर के लिए दस विद्यालयों तक पहुंच बनाने का निर्देश है। इसमें लेसन प्लान से लेकर शैक्षणिक सामग्री विद्यार्थियों तक पहुंचाने व उनके समक्ष विषय के प्रस्तुतीकरण तक पर चर्चा की जाएगी। यह भी प्रयास होगा कि विद्यार्थियों की समझ का भी परीक्षण किया जाए।
अभिभावकों के भी दायित्व तय
परिषदीय स्कूलों के अभिभावक अपने बच्चों के विद्यालय के वाट्सएप ग्रुप से जुड़ेंगे। हर सप्ताह अभिभावकों से शिक्षक विचार विमर्श भी करेंगे। उन्हें बताया जाएगा कि वाट्स्एप ग्रुप व दूरदर्शन पर प्रेषित सामग्री बच्चों को दिखाएं। प्रेरणा लक्ष्य एप व दीक्षा एप पर रोज 20 मिनट का अभ्यास कराएं। हर शनिवार वाट्सएप पर भेजे क्विज में प्रतिभाग भी करें। इसके अतिरिक्त बच्चों के अभ्यास कार्य को भी नियमित रूप से देखें।