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एक शख्स जिसके काटने से सांप चल बसा, अब वह सांप की मौत का संगम तट पर कर रहा प्रायश्चित

किसी आदमी के काटने पर सांप मर जाए तो क्या आप विश्वास करेंगे? लेकिन ऐसा सच में हुआ है। इंसान के काटने से एक सांप की मौत हो गई। और यह भी अजब है कि सांप की मौत के बाद वह इंसान पछतावे में तपस्या कर रहा है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 11:16 AM (IST)
एक शख्स जिसके काटने से सांप चल बसा, अब वह सांप की मौत का संगम तट पर कर रहा प्रायश्चित
यह हैं यूपी में सोनभद्र जनपद के अमरजीत जो सांप के मरने के पछतावे में कर रहे हैं हठयोग

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सांप के डसने से इंसान की मौत होना सामान्य घटना मानी जाती है। ऐसी घटनाएं अक्सर सुनाई पड़ती है लेकिन इंसान के काटने से किसी सांप के मरने के बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा। लेकिन अगर किसी आदमी के काटने पर सांप मर जाए तो क्या आप इस पर विश्वास करेंगे? लेकिन ऐसा सच में हुआ है। इंसान के काटने से एक सांप की मौत हो गई। और यह भी अजूबा ही है कि सांप की मौत के बाद एक इंसान इसके पछतावा में ऐसी तपस्या कर रहा है जो सबके वश की बात नहीं है। सांप को काटने वाला यूपी का एक शख्स हठ योग के जरिए प्रायश्चित कर रहा है। यह व्यक्ति हैं सोनभद्र के मारकुंडी निवासी अमरजीत महाराज जो पिछले नौ साल से सिर पर अनाज उगाकर सांप को मारने का प्रायश्चित कर रहे हैं।

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एक-दूसरे को काट लिया था, सांप की हो गई मौत

अमरजीत महाराज बताते हैं कि 2013 का यह वाकया है। वह अपने फूलों के बाग में काम कर रहे थे। उसी समय एक सांप बिल से निकलकर आय़ा और उन्हें डस लिया। इससे नाराज होकर उन्होंने सांप को पकड़ा और काट लिया। फिर उस जख्मी सांप को पकड़कर रख लिया। वह तो बच गए, लेकिन उनके काटने के तीन दिन बाद सांप मर गया। इससे उन्हें आत्मग्लानि होने लगी। अमरजीत को लगा कि उन्होंने अपराध कर दिया है। इसका प्रायश्चित करने के लिए मां शीतला के निमित्त बड़ा अनुष्ठान कराया। इसके बाद 12 साल तक हठ योग करके प्रायश्चित करने का निर्णय लिया। तब से लगातार सिर पर अनाज उगा रहे हैं।

महाशिवरात्रि पर करते हैं विसर्जन

अमरजीत महाराज दो जनवरी को सिर पर जौ, चना व उड़द बो लेते हैं। मकर संक्रांति के पहले माघ मेला प्रयागराज आ जाते हैं। इस बार अक्षयवट मार्ग पर प्रवास कर रहे हैं। महाशिवरात्रि तक जप-तप में लीन रहते हैं। महाशिवरात्रि तक पौधों में फल आने लगता है। फिर शिव की आराधना कर उन्हें गंगा में विसर्जित कर देते हैं।

पछतावे में बैठकर सोते हैं, रखते हैं सावधानी

सिर पर उगे पौधों को अमरजीत महाराज बहुत संभालकर रखते हैं। वो गिरने न पाएं उसके लिए बैठकर ही नींद लेते हैं। नहाते समय सिर पर पानी नहीं डालते। वहीं, पौधों को नियमित पानी देते रहते हैं। यह सब वह अपने काटने से सांप की मौत होने की वजह से मन में गहरे बैठे दुख की वजह से कर रहे हैं।


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