अभिनेता व पूर्व राज्य सभा सदस्य Rajabbar की निधि से प्रतापगढ़ के ठेकेदार ने हड़पे 37 लाख, जानिए क्या है पूरा मामला
देहरादून की सीडीओ निकिता खंडेलवाल के एक पत्र ने प्रतापगढ़ प्रशासन में खलबली मचा दी। एक सप्ताह पहले पत्र आया कि प्रदीप ने निधि के 37 लाख 50 हजार रुपये ले लिए और मौके पर कोई काम नहीं कराया।
प्रयागराज, जेएनएन। किसी न किसी मामले में प्रतापगढ़ का नाम सुर्खियों में आ ही जाता है। अब नया मामला कांग्रेस नेता व राज्यसभा के पूर्व सदस्य राजबब्बर की निधि के रुपये हड़पने का है। उत्तराखंड से आए एक पत्र को लेकर गोलमाल के इस मामले की जांच प्रतापगढ़ प्रशासन ने तेज कर दी है। उत्तराखंड व यूपी सरकार के बीच इस मसले को लेकर कई राउंड पत्राचार हो चुका है। आरोपित प्रतापगढ़ के व्यवसायी प्रदीप गोयल से कैसे रिकवरी की जाए, इस बारे में प्रशासन हर जतन कर रहा है।
देहरादून की सीडीओ ने डीएम प्रतापगढ़ को लिखा पत्र, बिना काम कराए हड़प लिए रुपये
नगर के चौक के रहने वाले प्रदीप ने उत्तराखंड के देहरादून में भी फर्म खोली है। सरकारी काम का वह ठेका लेते हैं। तत्कालीन राज्यसभा सदस्य रहे फिल्म स्टार राज बब्बर की निधि से विकास कार्यों को कराने का उनको जिम्मा मिला था। इस मामले में देहरादून की सीडीओ निकिता खंडेलवाल के एक पत्र ने प्रतापगढ़ प्रशासन में खलबली मचा दी। एक सप्ताह पहले पत्र आया कि प्रदीप ने निधि के 37 लाख 50 हजार रुपये ले लिए और मौके पर कोई काम नहीं कराया।
डीएम प्रतापगढ़ को पत्र भेजकर आरोपित से सरकारी रकम की वसूली का अनुरोध
जांच में इस बात का पता चलने पर देहरादून प्रशासन अवाक रह गया। आरोपित व्यापारी के पते में प्रतापगढ़ का जिक्र देख सीडीओ देहरादून ने डीएम प्रतापगढ़ को पत्र भेजकर आरोपित से सरकारी पैसे की वसूली कराने का अनुरोध किया है। इस पर एडीएम ने जांच तहसीलदार सदर मनीष कुमार को सौंप दी। जांच के लिए कानूनगो व लेखपाल की टीम बनाई गई। टीम को प्रदीप की संपत्ति से जुड़े अभिलेख यहां ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। अभी इस पर और प्रयास जारी है। प्रशासन कुर्की भी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में आरसी यहां से भी जारी करने की तैयारी है। इस बारे में एडीएम शत्रोहन वैश्य का कहना है कि सरकारी पैसे के गोलमाल का मामला है। छानबीन की जा रही है। देहरादून प्रशासन का पूरा सहयोग इस मामले में किया जाएगा।