तीन सौ करोड़ दबाए बैठी हैं 793 एजेंसियां
सेवा प्रदान करने वाली 793 एजेंसियां सरकार के करीब तीन सौ करोड़ रुपये दबाकर बैठी हुईहैं। सही पता न मिलने अथवा विवाद के कारण संचालकों से वसूली नहीं की जा सकी है।
जासं, प्रयागराज : सेवा प्रदान करने वाली 793 एजेंसियां सरकार के करीब तीन सौ करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। इन एजेंसियों का सही पता न मिलने अथवा कर विवाद के कारण इनके संचालकों से रकम वसूली नहीं जा सकी। इससे इन एजेंसियों को डिफाल्टर की सूची में डाल दिया गया। हालांकि, ऐसे मामलों के निस्तारण के लिए केंद्र सरकार ने समाधान योजना शुरू की है। इसके तहत 31 दिसंबर तक सीजीएसटी में ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। हालांकि यह माना जा रहा है कि जिन एजेंसियों ने पता गलत लिखा था, उनका आवेदन करना मुश्किल है। इसमें वही एजेंसियां आवेदन करने आ सकती हैं जिनके मामलों में टैक्स को लेकर किसी तरह का विवाद है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा सेवा कर (अब सीजीएसटी) ने जिले में एक्साइज और सर्विस टैक्स से संबंधित 793 एजेंसियों को डिफाल्डर घोषित किया है। इन एजेंसियों पर 292.94 करोड़ रुपये टैक्स बकाया है। एजेंसी संचालकों से टैक्स वसूली न हो पाने का कारण ज्यादातर एजेंसियों के किराए के दफ्तरों में होने से सही पता न लग सकने अथवा कर संबंधी विवाद था। सरकार ऐसे प्रकरणों को खत्म करना चाहती है, इसलिए समाधान योजना शुरू की है।
70 फीसद तक मिलेगी छूट
जीएसटी सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. पवन जायसवाल बताते हैं कि इस योजना में ऐसे करदाता जिन पर बकाया धनराशि 50 लाख अथवा इससे कम है, उन्हें 70 फीसद छूट मिलेगी। 30 फीसद रकम जमा करने पर पूरा ब्याज, दंड और अर्थदंड माफ हो जाएगा। जबकि 50 लाख से ज्यादा के बकाए पर 50 फीसद छूट मिलेगी। खास यह कि आवेदन के 60 दिन के अंदर विवाद का निस्तारण हो जाएगा। किसे नहीं मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ ऐसे करदाताओं को नहीं मिलेगा, जिन्होंने धोखाधड़ी करके रिफंड प्राप्त किया है, अभियोजन सफल हो गया है अथवा निस्तारण आयोग (सेटलमेंट कमीशन) में वाद लंबित है।
वर्जन
यह योजना एक सितंबर से शुरू हुई है जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। जो भी डिफाल्टर हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना है। परेशानी होने की दशा में हेल्प डेस्क बना दी गई है, जिससे मदद ली जा सकती है।
- श्याम धर, अपर आयुक्त सीजीएसटी