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69000 Shikshak Bharti: शिक्षक भर्ती परीक्षा अच्छे अंकों से की पास, पर चूक से बने रहेंगे अभ्यर्थी

69000 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों ने हाईस्कूल इंटरमीडिएट स्नातक प्रशिक्षण के साथ ही शिक्षक भर्ती की प्रतियोगी परीक्षा उम्दा अंकों से उत्तीर्ण की है लेकिन मिले अंकों को वेबसाइट पर दर्ज करने में चूक गए। लिहाजा चयनित होकर भी अब अभ्यर्थी बने रहने को मजबूर हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 08:35 AM (IST)
69000 Shikshak Bharti: शिक्षक भर्ती परीक्षा अच्छे अंकों से की पास, पर चूक से बने रहेंगे अभ्यर्थी
69000 शिक्षक भर्ती में प्रतियोगियों ने मिले कुल अंकों से वेबसाइट पर महज एक अंक अधिक दर्ज कर दिया है।

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। यह खबर उन लाखों प्रतियोगियों के लिए है, जो दिन रात मेहनत करके सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हैं, लेकिन मंजिल पर पहुंचने के ठीक पहले फिसल जाते हैं। कानपुर की आराधना शुक्ला, फर्रुखाबाद के वैभव शर्मा, प्रयागराज की आयुषी शर्मा, प्रतापगढ़ की शालिनी पांडेय, बिजनौर के अविल कुमार, बुलंदशहर की निशा व सतवित्री, ये उन मेधावियों के नाम हैं, जिनका चयन 69000 शिक्षक भर्ती में हुआ। सभी ने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, प्रशिक्षण के साथ ही शिक्षक भर्ती की प्रतियोगी परीक्षा उम्दा अंकों से उत्तीर्ण की है, लेकिन मिले अंकों को वेबसाइट पर दर्ज करने में चूक गए। लिहाजा, चयनित होकर भी अब अभ्यर्थी बने रहने को मजबूर हैं।

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इन सभी प्रतियोगियों ने मिले कुल अंकों से वेबसाइट पर महज एक अंक अधिक दर्ज कर दिया है। वेबसाइट पर दर्ज एक अधिक अंक ने उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया है। शासन ने ऐसे अभ्यर्थियों की त्रुटि सुधार के लिए चार दिसंबर को आदेश जारी किया है, लेकिन यह भी इन्हें राहत नहीं दे रहा है।

शासनादेश में कहा गया है कि जिन अभ्यर्थियों ने प्राप्तांक अधिक व पूर्णांक कम भर दिया है, उनका चयन निरस्त कर दिया जाए। चयनित होकर चयन से बाहर होने वालों में तीन अंक अधिक लिखने वाली कानपुर की पारुल सचान हैं तो रायबरेली के जन्मेजय शुक्ल ने बीटीसी के अंक 1412 लिख दिए, जबकि उनके वास्तविक अंक 1214 हैं।

अहम बात यह है कि कुछ को छोड़कर न तो किसी अभ्यर्थी की चयन रैंक बदल रही है और न ही आवंटित जिला, फिर भी अंकों में मामूली बदलाव उन्हें बाहर कर रहा है। इतना ही नहीं जन्मेजय शुक्ल, जिनके अंकों में बड़ा बदलाव है, उनका गुणांक पहले 78.85 था और अंक दुरुस्त होने से यह कम हो रहा है लेकिन चयन फिर भी आसानी से हो सकता है, क्योंकि जिले का अंतिम गुणांक 70 ही है।

कोर्ट ने भी दी है राहत : आवेदन फार्म में अंकों के सुधार की याचिका हरेंद्र वर्मा व 62 अन्य ने दाखिल की। इसमें न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की बेंच ने एक अवसर देने का आदेश दिया है। वहीं, आशुतोष श्रीवास्तव व अन्य की याचिका लंबित है, फिर भी चयन निरस्त करने का आदेश दिया गया है।

शिक्षामित्रों को राहत देने की तैयारी : त्रुटि सुधार के शासनादेश में एक ओर मेधावियों का चयन निरस्त किया जा रहा है तो वहीं 59 शिक्षामित्रों को आवेदन में बिना शिक्षामित्र की श्रेणी अंकित कराए नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है, जबकि 138 शिक्षामित्रों के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।


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