69000 shikshak bharti: शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार के बाद यदि जिला बदला तो चयन से बाहर होना तय
69000 shikshak bharti उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की 69000 शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार का लाभ पाने वाले अभ्यर्थी का यदि जिला बदल रहा है तो उसका चयन सूची से बाहर होना तय है। हालांकि अभी इस संबंध में स्पष्ट आदेश नहीं किया गया है।
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की 69000 शिक्षक भर्ती में त्रुटि सुधार का लाभ पाने वाले अभ्यर्थी का यदि जिला बदल रहा है तो उसका चयन सूची से बाहर होना तय है। हालांकि अभी इस संबंध में स्पष्ट आदेश नहीं किया गया है लेकिन, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से जारी स्पष्टीकरण का यही संकेत है।
साफ कहा गया है कि एक जून, 2020 को जारी चयन सूची अंतिम है। उसमें बदलाव नहीं होगा। चार दिसंबर को जारी शासनादेश के कुछ बिंदुओं पर निर्णय भी बदला गया है। शासन स्तर पर विमर्श के बाद प्रकरण अब न्याय विभाग को भेजा गया है, जल्द ही बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट आदेश जारी होंगे।
शिक्षक भर्ती के आवेदन में अभिलेखीय विसंगति को दूर करने के बारे में कार्यवाही करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी किया था। अभिलेख में विसंगति के कारण पहले दो चरणों की काउंसिलिंग से वंचित अभ्यर्थियों के लिए नौ, 10 और 11 दिसंबर को काउंसिलिंग कराई गई थी। इसके बाद चुनिंदा प्रकरणों को शासन भेजा गया। जारी स्पष्टीकरण में जिला बदलने वाले अभ्यर्थियों को रोके जाने के संबंध में तो कहा गया है, किंतु जो अभ्यर्थी जिला नहीं बदल रहे, उनके संबंध में कोई आदेश नहीं है। वहीं, दूसरे बिंदु में कम प्राप्तांक और अधिक पूर्णांक के संबंध में स्पष्ट आदेश किया गया है।
ऐसे ही स्नातक टीईटी और सीटीईटी उत्तीर्ण होने की अंतिम तारीख 22 दिसंबर, 2020 दी गई है, जबकि समस्त अर्हताएं फॉर्म भरने से पहले पूर्ण होनी चाहिए थीं। शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन 2018 में लिया गया था। इस बार उन महिलाओं को राहत दी गई है जिन्होंने पुरुष की श्रेणी भर दी थी, जबकि इसी तरह के पुरुष अभ्यर्थी जिन्होंने प्राप्तांक अधिक या पूर्णांक कम भर दिए थे और अपने गुणांक के आधार पर जिले की चयन सूची में आ रहे थे, के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं है।
शिक्षामित्रों को झटका : वे शिक्षामित्र, जिन्होंने सेवावर्ष 10 से कम रहते हुए 25 अंक का अधिभार लिया था के संबंध में विचार के लिए उनके प्रकरण मंगवाए गए थे। उनके प्रकरणों को लंबित ही रखा गया है। वहीं, जिन शिक्षामित्रों को भारांक न मिलने से चयन नहीं हो सका है, उनके प्रकरणों को निरस्त कर दिया गया है।