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68500 शिक्षक भर्ती : इलाहाबाद हाई कोर्ट में जिला आवंटन मामले में अपील की जुलाई में सुनवाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती में जिला आवंटन मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल करने में हुई 260 दिन की देरी को माफ कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 09:08 PM (IST)
68500 शिक्षक भर्ती : इलाहाबाद हाई कोर्ट में जिला आवंटन मामले में अपील की जुलाई में सुनवाई
68500 शिक्षक भर्ती : इलाहाबाद हाई कोर्ट में जिला आवंटन मामले में अपील की जुलाई में सुनवाई

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती में जिला आवंटन मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल करने में हुई 260 दिन की देरी को माफ कर दिया है। कोर्ट ने देर से आने के कारण को पर्याप्त माना है। अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए जुलाई के दूसरे हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस दौरान विपक्षियों को प्रश्नगत मामले की जानकारी प्राप्त कर लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूॢत यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अमित शेखर भरद्वाज की विशेष अपील पर दिया है। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने बहस किया। 

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बता दें कि परिषदीय स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जिला आवंटन प्रकरण में एकल पीठ दो बार सुनवाई करके फैसला दे चुकी है। लेकिन, दूसरे जिलों में तैनात शिक्षक मेरिट के अनुसार जिला आवंटन चाहते हैं। अब दो जजों की पीठ के समक्ष विशेष अपील दाखिल की गई है, इसकी जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 68500 भर्ती में सफल अभ्यर्थियों को विभिन्न जिलों में तैनाती दी गई है। इस भर्ती में लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की दो जिला आवंटन सूची जारी हुई, जिससे पहली सूची में चयनितों को अधिक गुणांक हासिल होने के बाद भी दूर के जिलों में नियुक्ति मिली।

चयनितों की दूसरी सूची भर्ती के सभी पदों के हिसाब से बनी। इसमें कम गुणांक वालों को भी आसानी से गृह जिला मिल गया। इसी के बाद से जिला आवंटन का विवाद जारी है। नियुक्ति पाने वालों का अंतर जिला तबादला न करने के प्रावधान से अभ्यर्थी परेशान हैं। प्रभावित अभ्यर्थियों ने जिला आवंटन को एकल पीठ में चुनौती दी थी। न्यायमूॢत प्रकाश पाडिया ने फैसला दिया था कि एमआरसी (मेरिटोरियस रिजर्व कैंडिडेट) को उनके वर्ग का मानते हुए जिला आवंटन किया जाए। कोर्ट ने पहले हुए जिला आवंटन को रद कर दिया था।

इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई, क्योंकि अभ्यर्थियों का मानना था कि अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इस आदेश से लाभ नहीं हुआ। एकल पीठ ने दोबारा सुनवाई में अपने पूर्व के आदेश को सही ठहराया। पुनर्विचार अर्जी पर फैसला आने के बाद अपील में चुनौती दी गयी है। कोर्ट ने कहा कि जुलाई में अपील को निस्तारण के लिए सूचीबद्ध किया जाय।


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