सात फेरे लेकर एक दूजे के हुए 611 जोड़े
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को नार्दन रीजनल इंस्टीट्यूट के मैदान पर 611 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। जलशक्ति मंत्री ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
जासं, प्रयागराज : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गुरुवार को नार्दन रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी (एनआरआइपीटी) तेलियरंगज के मैदान पर 611 जोड़ों की शादी कराई गई। इसमें 23 मुस्लिम जोड़े भी शामिल रहे जिनका निकाह कराया गया। नव दंपतियों को जल शक्ति मंत्री व प्रभारी मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, फूलपुर की सांसद केशरी देवी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह, डीएम भानुचंद्र गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी प्रेमरंजन सिंह ने आशीर्वाद दिया।
एनआरआइपीटी के मैदान पर सुबह से ही शादी के लिए वर-वधु के साथ ही उनके परिवार वालों की भीड़ जुटने लगी थी। प्रशासन ने हिदू और मुस्लिम रीति रिवाज से शादी का पूरा इंतजाम किया। एक साथ सैकड़ों युवकों की बारात निकली और धूमधाम से शादी हुई। हिदू रीति रिवाज से नव दंपतियों ने मंत्रोच्चर के साथ अग्नि के साथ फेरे लिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की बहुत ही सराहनीय योजना है। बताया कि सामूहिक विवाह के तहत प्रदेश भर में 21000 जोड़ो की शादी कराई जाएगी। बोले, सबका साथ, सबका विकास यह सिर्फ नारा नहीं है बल्कि ये हमारे लिए एक मंत्र की तरह है। बेटियां पिता के लिए बोझ न बनें, इसलिए बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, सुमंगला कन्या योजना शुरू की गई है। उन्होंने नव विवाहित जोड़ों को लड्डू खिलाकर प्रमाण पत्र सौंपा। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा कि कन्याओं का सशक्तीकरण मुख्य उद्देश्य और समाज की मुख्यधारा में लाना हमारा कर्तव्य है। कार्यक्रम में नगर आयुक्त रवि रंजन, उप निदेशक समाज कल्याण एवं समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह आदि थे। गांव-गांव से आए जोड़े
-मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के लिए जिला प्रशासन कई दिन से तैयारी कर रहा था। इसके लिए पहले से ही जोड़ों को रजिस्टर्ड करा लिया गया था। गुरुवार को हुई शादी में प्रयागराज शहर से 187 जोड़े, विकास खंड मऊआईमा से 65, कौड़िहार से 60, होलागढ़ से 43, बहरिया से 30, कोराव से 30, कौधियारा से 25, फूलपुर से 25, सोराव से 22, शकरगढ़ से 25 जोड़े शामिल हुए। इसके साथ ही 23 मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया गया। शादी के बाद योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी के खाते में 35-35 हजार रुपये भेजे गए। उसके अलावा दस-दस हजार रुपये का घर-गृहस्थी का सामान दिया गया। आयोजन के लिए प्रत्येक जोड़े के हिसाब से छह-छह हजार रुपये खर्च किए गए।