Pratapgarh News: प्रतापगढ़ के प्रधानों व सचिवों के रिश्तेदारों की 54 फर्में निरस्त, क्या है मामला
शासन से निर्देश जारी हुआ कि सामग्री उपलब्ध कराने वाली फर्म ग्राम प्रधान सचिव रोजगार सेवक अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सहित अन्य के रिश्तेदार की न हो। अगर ऐसे लोगों की फर्म हो तो उसकी जांच करके उसे तत्काल निरस्त करें। इसकी रिपोर्ट भी दें।
प्रयागराज, जेएनएन। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर धांधली करना कर्मियों, सचिवों और प्रधानों को भारी पड़ सकता है। ग्राम प्रधानों व सचिवों की साठगांठ से रिश्तेदारों की फर्म पर विकास कार्यों को कराते हुए मुनाफे कमाने वालों पर शासन की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। ग्राम पंचायतों को सामग्री उपलब्ध कराने वाली फर्मों की जांच हुई तो पता चला कि प्रतापगढ़ जिले में 54 फर्म मनरेगा से जुड़े कर्मियों, सचिवों व प्रधानों के परिवार के सदस्यों व रिश्तेदार की है। फिलहाल सभी फर्म को निरस्त कर दिया गया है।
मनरेगा मद में विकास कार्यों की मानीटरिंग : मनरेगा मद से ग्राम पंचायतों में इंटरलाकिंग, खड़ंजा, चकरोड का निर्माण, भूमि का समतलीकरण सहित अन्य तरह के विकास कार्य कराए जा रहे हैं। विकास कार्य में लगने वाली सामग्री फर्म उपलब्ध कराती है। ग्राम पंचायतों में 652 फर्म सामग्री उपलब्ध करा रही हैं। शासन से निर्देश जारी हुआ कि सामग्री उपलब्ध कराने वाली फर्म ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सहित अन्य के रिश्तेदार की न हो। अगर ऐसे लोगों की फर्म हो तो उसकी जांच करके उसे तत्काल निरस्त करें। इसकी रिपोर्ट भी दें।
कहां, कितनी फर्म निरस्त हुई : शासन की सख्ती के बाद प्रतापगढ़ में जांच शुरू हो गई है। 54 अपात्र फर्म मिली, जो मनरेगा से जुड़े अधिकारियों, कर्मियों और ग्राम प्रधानों के परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों आदि के नाम थी। रिपोर्ट के मुताबिक आसपुर देवसरा व बाबागंज ब्लाक में पांच-पांच, शिवगढ़ और रामपुर संग्रामगढ़ में एक-एक, सांगीपुर में छह, संडवा चंद्रिका में चार, पट्टी और मंगरौरा में दो-दो, लालगंज में आठ, बाबागंज में पांच, कालाकांकर में 12, कुंडा में छह सहित ब्लाकों में कुल 54 फर्म अपात्र हैं। अधिकारियों ने इन सभी फर्मों को निरस्त कर दिया।
क्या कहते हैं मनरेगा के अधिकारी : डीसी मनरेगा इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सत्यापन में 54 फर्म अपात्र मिली है। उसे निरस्त किया जा चुका है।