प्रयागराज का एक गांव जहां एक माह में 50 से अधिक लोगों की हुई मौत, जांच को पहुंची चिकित्सा टीम
मेंडारा गांव में करीब 10 हजार की आबादी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से लोग पीडि़त होना शुरू हुए और देखते ही देखते 15 मई तक 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। इसमें से चार-पांच को छोड़कर सभी के शव श्रृंगवेरपुर घाट पर दफनाए गए।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण काल में अगर एक ही गांव में अधिक मौत होती है तो चिंता की बात स्वाभाविक है। ऐसे में ग्रामीणों में दहशत का माहौल होना भी लाजमी है। जी हां, यही हाल प्रयागराज के एक गांव का भी है। जिला मुख्यालय से करीब 33 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर ब्लाक के मेंडारा गांव में पिछले एक माह में 50 से ज्यादा मौत हो चुकी है। जांच न होने से यह तो स्पष्ट नहीं है कि मौत कोरोना से हुई या अन्य कारण से, लेकिन एक ही गांव में इतनी मौत ने ग्रामीणों में डर पैदा कर दिया है। मृतकों के घरवालों का कहना है कि सभी मौतें बुखार, खांसी और जुकाम के चलते हुई हैै।
गांव पहुंची चिकित्सा टीम, प्रशासनिक अधिकारी भी सक्रिय
श्रृंगवेरपुर ब्लॉक के मेंडारा गांव में शुक्रवार को गांव में चिकित्सीय टीम पहुंची। कोविड-19 जांच कराने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। गांव में एसडीएम सोरांव अनिल चतुर्वेदी, नवाबगंज इंस्पेक्टर अवन दीक्षित, श्रृंगवेरपुर ब्लॉक प्रशासक विमल यादव, कानूनगो कपिल मिश्रा, मंसूराबाद चौकी प्रभारी राजेश कुमार, रोजगार सेवक राम बाबू मौर्य और लेखपाल अनिल पटेल टीम बनाकर गांव का भ्रमण कर रहे हैं। गांव में फैली गंदगी की सफाई करने के लिए सफाई कर्मियों को जगह-जगह तैनात किया गया है।
मरने वालों में अधिकांश की उम्र 50 से अधिक
मेंडारा गांव में करीब 10 हजार की आबादी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से लोग पीडि़त होना शुरू हुए और देखते ही देखते 15 मई तक 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। इसमें से चार-पांच को छोड़कर सभी के शव श्रृंगवेरपुर घाट पर दफनाए गए। मरने वालों में अधिकांश की उम्र 50 से अधिक रही। लगातार मौतों से गांव का हर व्यक्ति सकते में आ गया। ग्रामीण कहते हैैं कि प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही बचाव का रास्ता तलाशते हुए कोरोना गाइड लाइन का पालन करना शुरू किया।
खास-खास
-10 हजार की आबादी वाला है गांव
-50 आयु वाले अधिक लोगों की हुई मौत
-04-05 को छोड़कर सभी के शव श्रृंगवेरपुर घाट पर दफनाए गए
-01 परिवार के पिता-पुत्र की हुई है मृत्यु।
जानें, क्या कहते हैं मरने वालों के परिवार के लोग
मेंडारा गांव की सुमित्रा ने बताया कि उनके पति तुलसीराम की अप्रैल के अंतिम सप्ताह में तबीयत खराब हुई। बुखार, खांसी और जुकाम हुआ। इधर-उधर से दवा ली, लेकिन दो-तीन दिन बाद ही उनकी मौत हो गई। वे किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं थे। वहीं हसीनउद्दीन की भी इसी तरह मौत हुई। उनकी पत्नी अनीसा बानो ने बताया कि वह मजदूरी करते थे। उनकी मौत के बाद उनकी तीन बहन और छह भाई का गुजारा अब कैसे होगा? महेश चंद्र मौर्या के पुत्र राजेश कुमार ने बताया कि पिता को अचानक बुखार आया और देखते-देखते उनकी हालत बिगड़ती चली गई। दो-तीन दिन बाद मृत्यु हो गई। सीता देवी के पति राधेश्याम का कहना कि उनकी पत्नी के साथ भी ऐसा ही हुआ था। पहले बुखार आया और फिर सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इसी तरह गांव के रामहरख और उनके पुत्र शिवमूरत की भी मौत हुई।
रोजगार सेवक ने लिख रखा है 35 मृतकों का नाम
मेंडारा गांव के रोजगार सेवक रामबाबू मौर्या का कहना है कि एक माह के भीतर गांव में बड़ी संख्या में लोगों की अचानक मृत्यु हुई है। 35 मृतकों का नाम तो उसने स्वयं नोट किया है। बेकाबू हो रही स्थिति की अधिकारियों को जानकारी देते हुए गांव में सैनिटाइजेशन और मेडिकल टीम की तैनाती की मांग उठाई थी। लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया।
मेंडारा के प्रधान बोले- हर शख्स है डरा सहमा
नवनिर्वाचित मेंडारा ग्राम प्रधान महेश कुमार उर्फ सोनू सरोज का कहना है कि गांव में पिछले एक महीने में इस तरह अपने जीवन में लोगों को मरते कभी नहीं देखा। 50 से ज्यादा मौतें होने से हर शख्स डरा सहमा है। स्थिति यह हो गई है कि लोगों ने एक दूसरे से मिलना जुलना तो दूर घर आना-जाना भी बंद कर दिया है।
चपरासी के भरोसे गांव का है यूनानी अस्पताल
गांव के मोहम्मद शाहिद, धर्मराज और इमरान ने बताया कि गांव का यूनानी अस्पताल महीनों से चपरासी खोलता है। डॉक्टरों का आना-जाना नहीं हो रहा है। धर्मराज ने सीधे कहा कि अस्पताल चपरासी के भरोसे हैं।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य टीम गठित की
जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा कि अब तक ऐसी जानकारी नहीं थी। उन्होंने तत्काल मेडिकल टीम का गठन किया। टीम सदस्य शुक्रवार यानी आज मेंडारा गांव पहुंचकर घर-घर जांच करेंगे। लक्षण मिलने पर कोरोना की भी जांच की जाएगी और दवाएं दी जाएगी। जिन लोगों की मौत हुई हैं, उनके कारणों की भी पड़ताल की जाएगी। जिले भर के हर गांव में सर्वे का काम चल रहा है। इस गांव में इतने लोगों की मौत हो गई, इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई। इसकी भी जांच की जाएगी। जिस कर्मचारी ने सर्वे में लापरवाही की है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ ने यह कहा
सीएमओ डा. प्रभाकर राय ने कहा कि अगर एक गांव में इतनी अधिक मौत की बात आ रही है तो यह बेहद गंभीर है। गांवों में आशा रहती है और आसपास सरकारी अस्पताल भी हैं। ऐसे किसी माध्यमों से मेरे पास सूचना नहीं आई। अगर यह वाकई सच है तो संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को दंडित किया जाएगा। शासन के निर्देश पर पांच से नौ मई तक और 11 से 15 मई तक गांवों में स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। अब तक 2800 गांवों में सर्वे हुआ लेकिन ऐसी जानकारी नहीं मिली।