कौशांबी में 45 सौ प्रवासियों काे स्थाई राशन कार्ड का इंतजार, नहीं मिल रहा राशन
विभाग में पत्र देकर राशन कार्ड दिए जाने की मांग करने लगे लेकिन जिले में राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य न होने से उनकी मदद नहीं हो सकी।
कौशांबी,जेएनएन। जिले में कोरोना संकट के दौरान बने राशन कार्ड अब प्रभावी नहीं रहे। ऐसे में 4500 परिवार के लोगों को अब राशन नहीं मिल पा रहा है। वह विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। लक्ष्य नहींं होने के कारण विभागीय अधिकारी भी मजबूर हैं। प्रवासियों को अब गुजारे के लिए बाजार से महंगे दाम में खाद्यान्न खरीदना पड़ रहा है।
लॉकडाउन के दौरान बना था अस्थाई राशन कार्ड
कोरोना संकट के दौरान सरकार ने लॉकडाउन किया तो भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। उनके पास खाने तक का संकट हो गया। ऐसे में सरकार ने लोगों को राहत देते हुए राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया। जो लोग गैर जनपद या प्रांत से आए थे और जिनका पंजीकरण हुआ था, उनके बीच करीब 4500 राशन कार्ड वितरित किया गया। यह राशन कार्ड मई व जून माह के लिए थे। अस्थाई तौर पर बने इन राशन कार्ड से लोगों को राशन मिला भी, लेकिन जून माह के बाद खाद्यान्न मिलना बंद हो गया।
रोजगार का संकट अब भी, लेकिन अस्थाई राशन कार्ड की नहीं बढी वैधता
लोगों के सामने रोजगार का संकट पहले की ही तरह मौजूद है। इसके बाद भी राशन कार्ड की तिथियां नहीं बढ़ीं। जिन परिवार के लोगों को राशन मिलना बंद हुआ, वह सभी सप्लाई ऑफिस के चक्कर लगाने लगे। विभाग में पत्र देकर राशन कार्ड दिए जाने की मांग करने लगे, लेकिन जिले में राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य न होने से उनकी मदद नहीं हो सकी। अब भी लोगों को राशन कार्ड का इंतजार है। जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार तिवारी ने बताया कि इन दिनों जिले में 303291 राशन कार्ड जारी हैं। इनको विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के दौरान जिन लोगों के राशन कार्ड बने थे। ऐसे 4500 लोगों को मई व जून के बाद भी शासन के निर्देश पर अगस्त तक राशन दिया गया। अभी तक इनको लेकर अन्य कोई निर्देश नहीं मिला है। लक्ष्य पूरा होने के कारण इनके नए राशन कार्ड नहीं बन पा रहे। अब सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की है। जिन लोगों के स्थाई राशन कार्ड हैं उन्हें नवंबर तक प्रति यूनिट पांच किलो राशन दिया जाएगा, जिसमें तीन किलो चावल व दो किलो गेहूं होगा।