लेखपालों के हड़ताल से प्रमाण पत्रों के 44 हजार आवेदन अटके
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर जिले के भी लेखपाल हड़ताल प
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर जिले के भी लेखपाल हड़ताल पर हैं। इसके कारण आय, जाति व निवास प्रमाण पत्रों के लिए लोग हैरान-परेशान हो गए हैं।
लेखपाल अपनी प्रमुख मांगों को लेकर लगभग दो हफ्ते से आंदोलन कर रहे हैं। चार दिन से ये लेखपाल कलमबंद हड़ताल कर रहे हैं। कार्य बहिष्कार के पहले ही दिन सरकार ने एस्मा लगा दिया। इसके बाद भी लेखपालों की हड़ताल खत्म नहीं हुई। बल्कि जिले की सभी तहसीलों में प्रदर्शन भी शुरू हो गया। इसके कारण आय, जाति व निवास प्रमाण के लिए लोगों को परेशानी हो रही है। खासतौर पर छात्र-छात्राओं को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। जिले में 44 हजार के लगभग आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के आवेदन अटके हैं। बताते हैं कि छात्र-छात्राएं रोज ही तहसीलों का चक्कर लगा रहे हैं मगर उनके प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है कि लेखपाल रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं, जिसके कारण प्रमाण पत्र बन ही नहीं पा रहे हैं। लेखपालों का कहना है कि उनकी जायज मांगे नहीं मानी जाती हैं तो उनका आंदोलन चलता रहेगा। संघ के जिला मंत्री राजकुमार सागर ने बताया कि प्रदेश के अध्यक्ष राममूरत यादव व अन्य पदाधिकारियों से प्रमुख सचिव से दो चरणों में हुई वार्ता विफल हो गई। इसके कारण शुक्रवार को भी लेखपाल हड़ताल पर हैं। निर्णय लिया गया कि नौ जुलाई से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। जिला मंत्री राजकुमार सागर ने बताया कि प्रमुख सचिव से दो चरणों में हुई वार्ता में भी मांगों के संबंध में कोई हल नहीं निकाल सका। इससे हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने आठ जुलाई को सभी जिलाध्यक्षों व सचिवों को लखनऊ बुलाया गया है जहां बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी। जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि जायज मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपालों पर एस्मा लगाने से उनमें आक्रोश है।