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IERT पर आर्थिक मंदी, 44 संविदा कर्मियों को मिली सेवा समाप्ति की नोटिस Prayagraj News

आइईआरटी में आर्थिक मंदी का असर यहां के 44 संविदा कर्मचारियों पर देखने को मिला। इन संविदा कर्मियों को सेवा समाप्ति की नोटिस संस्‍थान की ओर से दी गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 12:37 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 03:48 PM (IST)
IERT पर आर्थिक मंदी, 44 संविदा कर्मियों को मिली सेवा समाप्ति की नोटिस Prayagraj News
IERT पर आर्थिक मंदी, 44 संविदा कर्मियों को मिली सेवा समाप्ति की नोटिस Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। कभी डिप्लोमा इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध रहा तकनीकी संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी (आइईआरटी) इन दिनों आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अचानक संस्थान ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए 44 संविदा कर्मचारियों को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाया। इस दौरान बवाल की आशंका से भारी फोर्स तैनात रही।

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संविदा पर 49 कर्मचारियों की नियुक्ति निश्चित अवधि के लिए की गई थी

दरअसल, वर्ष 1980 से 2008 के बीच आइईआरटी में संविदा पर 49 कर्मचारियों की नियुक्ति निश्चित अवधि के लिए की गई थी। हर साल इनका नवीनीकरण किया जाता था। संस्थान के निदेशक डॉ. विमल मिश्र ने बताया कि वर्ष 1998 में प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक ने जांच में कर्मचारियों को अनियमित पाया था। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया था कि नियुक्ति नियम के विपरीत है। ऐसे में कर्मचारियों को वर्ष 2008 तक नया वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया। इन्हें चौथा वेतनमान मिलता रहा। साथ ही समय-समय पर डीए भी बढ़ता रहा।

कोर्ट ने कर्मचारियों के प्रत्यावेदन को निस्तारित करने का आदेश दिया था

वर्ष 2009 में संस्थान के कार्यवाहक निदेशक पीके सिंह के कार्यकाल में कर्मचारियों को पांचवें और छठें वेतनमान का लाभ दिया जाने लगा। इससे संस्थान का वित्तीय भार बढ़ गया। ऐसे में कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था। यह मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने कर्मचारियों के प्रत्यावेदन को निस्तारित करने का आदेश कमिश्नर को दिया था। इसी बीच शनिवार को 44 कर्मचारियों को सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की नोटिस पकड़ा दी गई। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को नवंबर माह का वेतन दिया जाएगा। साथ ही एक माह का अतिरिक्त वेतन भी दिया जाएगा।

बोले, आइईआरटी के निदेशक

आइईआरटी के निदेशक डॉ. विमल मिश्र ने कहा कि संस्थान का वित्तीय भार बढ़ गया था। ऐसे में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा था। साथ ही वर्ष 1998 में प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के वित्त नियंत्रक ने जांच में कर्मचारियों को अनियमित पाया था। ऐसे में 44 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।


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