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लोगों को साफ पेयजल पहुंचाने की 28 योजनाएं रुकीं, जानिए क्या है वजह

स्वीकृत बजट के सापेक्ष करीब 34 फीसद ही धनराशि जारी हो सकी। ऐसे में उपलब्ध बजट खर्च होने के बाद योजनाएं ठप पड़ गई। बजट जारी न होने की मुख्य वजह यह है कि जल निगम के कार्यो में अनियमितता की जांच पिछले दो साल से चल रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 06:00 AM (IST)
लोगों को साफ पेयजल पहुंचाने की 28 योजनाएं रुकीं, जानिए क्या है वजह
पैसा उपलब्ध न होने से छह साल बाद भी ग्रामीण अंचल के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं पाया।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जनपद में बजट के अभाव में 28 पेयजल योजनाएं अधूरी पड़ी हैं। स्वीकृत बजट के सापेक्ष करीब 34 फीसद ही धनराशि जारी हो सकी है। ऐसे में पैसा उपलब्ध न होने से छह साल बाद भी ग्रामीण अंचल के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं पाया।

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कई इलाकों में खारा है पानी

शहर के कुछ इलाके का पानी जहां खारा है, वहीं कई गांवों में पेयजल में फ्लोराइड ज्यादा है। ऐसे में लोगों को शुद्ध पेजयल मुहैया कराने के लिए वर्ष 2014 में 28 पेयजल योजनाएं स्वीकृत की गई थी। इसके लिए 42.99 करोड़ रुपये मंजूर किया गया था। इस योजना के तहत नलकूप की बोरिंग करके और पानी की टंकी का निर्माण कराकर घरों तक पाइप लाइन बिछायी जानी थी।

जल निगम से यह योजना सदहा, सोनाही, पूरे रायजू, सेतापुर, ढेरहना, विक्रमपुर, पूरे माधव सिंह, पूरे सुखदेव, मझिगवां, सराय मुरार सिंह, पूरे पांगुल, मिश्रपुर तरौल, मदईपुर, खमपुर, नेवाड़ी, जरियारी, सैफाबाद, दुकरा, बाबूपुर, बेती, देहगरी जमालपुर, मऊदारा, कनेवरा, बिबिया करनपुर, कटरा इंद्रकुंवर, नरसिंहपुर गांव के लिए स्वीकृत की गई थी।

34 फीसद ही धनराशि जारी

स्वीकृत बजट के सापेक्ष करीब 34 फीसद ही धनराशि जारी हो सकी। ऐसे में उपलब्ध बजट खर्च होने के बाद योजनाएं ठप पड़ गई। बजट जारी न होने की मुख्य वजह यह है कि जल निगम के कार्यो में बरती गई अनियमितता की जांच पिछले दो साल से चल रही है। ऐसे में पहले से चल रहे निर्माण कार्यो पर दो साल से ब्रेक लग गया है। जांच पूरी होने के बाद ही बजट जारी होने की उम्मीद है।

पांच गांवों में शुरू नहीं हो सका काम

बिबिया करनपुर में 1.89 करोड़, कटरा इंद्रकुंवर में 1.71 करोड़, नरसिंहपुर में 1.73 करोड़, ढेरहना में 1.13 करोड़ और विक्रमपुर में 1.75 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल योजना स्वीकृत की गई थी। इन पांचों योजनाएं पर एक भी पाई बजट नहीं जारी हुआ, इससे इन गांवों में तो काम ही शुरू नहीं हुआ।

बयान एक्सईएन का

एक्सईएन, जल निगम घनश्याम द्विवेदी का कहना है कि ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिए वर्ष 2014 में शासन ने बजट मंजूर किया था। उपलब्ध बजट से पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। किन्हीं कारणों से शेष बजट जारी नहीं हो सका। इसलिए इस समय ठप पड़ा है


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