..और नीम सरांय में ही गुम हो गए 22 लाख के लुटेरे
राइटर सेफगार्ड एजेंसी के कर्मचारी से 22 लाख लूटने वाले लुटेरे वारदात को अंजाम देने के बाद नीम सरांय में ही गुम हो गए। पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से अहम सुराग मिले हैं।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : चौफटका में राइटर सेफगार्ड एजेंसी के कर्मचारी से 22 लाख लूटने वाले बदमाश वारदात के बाद धूमनगंज क्षेत्र में ही गुम हो गए। क्राइम ब्रांच समेत अन्य टीमों ने घटनास्थल और बदमाशों के भागने वाले रास्ते में लगे 20 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला है। नीम सरांय मोड़ तक तो बदमाश भागे, उसके बाद वह किसी भी कैमरे में कैद नहीं हुए। ऐसे में पुलिस मान रही है कि वह नीम सरांय के आसपास ही छिप गए। पुलिस टीमों ने उस क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक बदमाशों को उठाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
22 लाख की सनसनीखेज लूट के मामले में पुलिस टीमों ने नेहरू पार्क से लेकर मुंडेरा तक के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला है। कैमरों में तो बदमाश दिखे लेकिन नीम सरांय मोड़ के बाद से वह किसी कैमरे में कैद नहीं हुए। इससे जांच टीमों का शक धूमनगंज क्षेत्र के बदमाशों पर टिक गया है। पुलिस ने बुधवार को विकास, राजेश, सनी नामक युवकों को उठाकर पूछताछ की। दरअसल जिस वक्त वारदात हुई यह तीनों भी बाइक से निकले हुए थे। बाद में सुलेमसरांय इलाके के एक युवक ने इन तीनों का नाम बताया तो पुलिस ने उठा लिया। फिलहाल पूछताछ चल रही है।
इसके साथ ही पुलिस ने प्रीतम नगर में राइटर सेफगार्ड प्राइवेट लिमिटेड के आफिस के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला है। इससे पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। सीसीटीवी में संदिग्ध बाइक सवार आफिस के पास भी दिखे हैं। पुलिस मान रही है कि बदमाश या फिर उनके साथी प्रीतम नगर स्थित आफिस से ही प्रशांत राय के पीछे लगे थे। अब उन फुटेज से तस्वीर निकाल पुलिस संदिग्ध युवकों की पहचान की कोशिश में लगी है।
क्या थी घटना :
मंगलवार की सुबह कंहईपुर न्याय नगर निवासी प्रशांत राय बैग में 22 लाख रुपये लेकर बाइक से सिविल लाइंस जा रहा था। रकम आइसीआइसीआइ बैंक के एटीएम में लोड करनी थी। कैंट थाना क्षेत्र स्थित नेहरू पार्क के सामने बदमाशों ने बैग छीन लिया और पीछे मुड़कर धूमनगंज की तरफ भाग निकले थे। तीन कर्मचारियों से पूछताछ, फोन कॉल का मिलान :
22 लाख की लूट के मामले में पुलिस को शक है कि सटीक मुखबिरी एजेंसी से जुड़े किसी कर्मचारी ने बदमाशों तक पहुंचाई थी। ऐसे में बुधवार को पुलिस ने एजेंसी कर्मचारियों की सूची तैयार कर पूछताछ की। शक के दायरे में आए कर्मचारियों की लोकेशन, फोन कॉल का मिलान किया जा रहा है। पुलिस ने कई संदिग्ध नंबर छाटें हैं। अब पुलिस उन नंबरों पर फोन कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि कर्मचारी ने किस वजह से किसे फोन किया था।