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सम्मान निधि के लाभ से वंचित हैं 20 हजार किसान

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जिले में 20 हजार किसान ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड में नाम अभी तक सही नहीं हो सके हैं। इस वजह से उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 06:05 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:09 AM (IST)
सम्मान निधि के लाभ से वंचित हैं 20 हजार किसान
सम्मान निधि के लाभ से वंचित हैं 20 हजार किसान

प्रतापगढ़, जेएनएन : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जिले में 20 हजार किसान ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड में नाम अभी तक सही नहीं हो सके हैं। इस वजह से उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाया है। इन किसानों ने आधार में नाम का संशोधन नहीं कराया है। पूर्व में उनके खाते में इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार से पैसा तो भेजा गया था, लेकिन यदि नाम ठीक नहीं कराया गया तो उन्हें आगे इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। इस दिक्कत को देखते हुए कृषि विभाग में नाम ठीक कराया जा रहा है। साढ़े चार लाख किसानों का भेजा गया था डाटा

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प्रतापगढ़ जिले के साढ़े चार लाख किसानों का डाटा कृषि विभाग द्वारा फीड कराकर भारत सरकार को भेजा गया था। इनमें से साढ़े तीन लाख किसानों के खाते में भारत सरकार से पैसा भेज दिया गया है। कुछ किसान ऐसे हैं जिनके खाते में तीन किश्त तो कुछ के खाते में दो किश्त का पैसा पहुंच गया है। अभी तक जिले के 20 हजार किसान है ऐसे हैं जिन्होंने त्रुटि ठीक नहीं कराई है। जिन किसानों के खाते में पैसा गया है उनमें से डेढ़ लाख किसान ऐसे थे, जिनके आधार कार्ड में नाम सही नहीं थे।

1.30 लाख ने सही करा लिए नाम

इनमें से एक लाख 30 हजार किसानों ने अपने नाम ठीक करा लिए लेकिन 20 हजार किसान अभी भी इसे ठीक नहीं करा पाए हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे किसानों का डाटा वापस कर दिया था। किसानों का डाटा वापस आते ही विभाग ने उसे तहसीलों में भेजकर दुरुस्त कराया। इसके साथ ही 90 हजार किसान ऐसे हैं जो पात्र होने के बाद भी आवेदन नहीं किए। विभागीय अफसरों का मानना है कि इन लोगों के पास जमीन तो है मगर बाहर होने के कारण आवेदन नहीं किए। बोले उप कृषि निदेशक

जनपद के साढ़े चार लाख किसानों का डाटा फीड कराकर भारत सरकार को भेजा गया था। साढ़े तीन लाख किसानों को भारत सरकार ने इसका लाभ दिया है। डेढ़ लाख किसानों के आधार में नाम में त्रुटि थी। एक लाख 30 हजार किसानों ने इसे ठीक करा लिया। अभी भी 20 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने त्रुटि ठीक नहीं कराई।

-डॉ. रघुराज सिंह, उपकृषि निदेशक


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