प्रयागराज शहर में 176 धार्मिक स्थल चिह्नित, शिफ्ट अथवा होंगे ध्वस्त
उच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि वर्ष 2011 के बाद शहर में फुटपाथों सार्वजनिक स्थलों पार्कों आदि में जिन भी धाॢमक स्थलों का निर्माण हुआ है। उन धाॢमक स्थलों को विकल्प होने पर शिफ्ट किया जाए अथवा उसे ढहा दिया जाए।
प्रयागराज,जेएनएन। विगत एक दशक में शहरी क्षेत्र के फुटपाथों, पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर बने धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई जल्द शुरू होने की उम्मीद है। नगर निगम के जनकार्य विभाग द्वारा चिह्नित 176 धार्मिक स्थलों को जगह उपलब्ध होने पर शिफ्ट कराया जाएगा अथवा उसे ढहाया जाएगा।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर नगर निगम ने कराया सर्वे
उच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि वर्ष 2011 के बाद शहर में फुटपाथों, सार्वजनिक स्थलों, पार्कों आदि में जिन भी धाॢमक स्थलों का निर्माण हुआ है। उन धाॢमक स्थलों को विकल्प होने पर शिफ्ट किया जाए अथवा उसे ढहा दिया जाए। न्यायालय के आदेश के क्रम में निगम प्रशासन द्वारा धाॢमक स्थलों का सर्वे अवर अभियंताओं के माध्यम से कराया गया। करीब 176 धाॢमक स्थल चिन्हित किए गए।
कोरोनो की दूसरी लहर के मंद पड़ने के बाद नगर निगम गुपचुप तरीके कराया सर्वे
प्रत्येक जोन क्षेत्र में 35 से 40 धाॢमक स्थल चिन्हित हुए हैं। लेकिन, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण धाॢमक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी। अब महामारी का प्रभाव बेहद कम हो जाने के कारण कार्रवाई की गुपचुप तैयारी शुरू हो गई है।
मंदिर, मस्जिदों की देखरेख करने वालों से होगी वार्ता
मंदिर, मस्जिदों की देखरेख (केयरटेकर) करने वालों से अधिकारी वार्ता भी करेंगे। अधिशासी अभियंता आशीष त्रिवेदी का कहना है कि चिन्हित धाॢमक स्थलों के केयरटेकर हैं अथवा नहीं, यह देखा जाएगा। केयरटेकर होने पर उनसे बात करके धाॢमक स्थलों के शिफ्ट करने के लिए विकल्प पूछा जाएगा। विकल्प न होने पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई होगी।