निर्मल गंगा के लिए छोड़ा जाएगा 15 हजार क्यूसेक पानी Prayagraj News
गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जा रहा है। इस वजह से संगम के पास गंगा में रेत ही रेत दिखाई देने लगी है। संगम के पास कई स्थानों पर जल स्तर काफी कम हो गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेले में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए इस बार श्रद्धालुओं को भरपूर व स्वच्छ गंगा जल मिलेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। 25 दिसंबर से उत्तराखंड के टिहरी, हरिद्वार के भीमगौड़ा व बुलंदशहर के नरोरा बांध से 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। प्रदेश की योगी सरकार की मांग पर केंद्र ने उत्तराखंड सरकार को यह निर्देश दिए हैं।
तेजी से गिर रहा गंगा और यमुना का जलस्तर
गंगा और यमुना का जलस्तर अब तेजी से नीचे जा रहा है। इस वजह से संगम के पास गंगा में रेत ही रेत दिखाई देने लगी है। संगम के पास कई स्थानों पर जल स्तर काफी कम हो गया है। कई स्नान घाटों पर तो पानी घुटने से भी कम हो गया है। पानी कम होने के कारण गंगा का जल प्रदूषित दिखने लगा है। सिंचाई विभाग के अफसरों का मानना है कि दिसंबर में पानी और कम होगा। लगभग एक मीटर तक जलस्तर नीचे जा सकता है। इसको देखते हुए माघमेला के दौरान अविरल और निर्मल गंगा के लिए प्रदेश सरकार की ओर से पहले ही इंतजाम कर लिया गया है।
खास बातें
25 दिसंबर से नरोरा, हरिद्वार और टिहरी बांध से छोड़ा जाएगा पानी
01 मार्च तक छोड़ा जाएगा जल, उत्तराखंड सरकार ने किया आश्वस्त
80 हजार क्यूसेक के लगभग संगम पर है गंगा और यमुना का पानी
01 मीटर दिसंबर में नीचे खिसकेगा संगम पर गंगा का पानी
प्रदेश सरकार ने पानी छोड़ने के लिए लिखा पत्र
पहले माघमेला के दौरान संत-महात्मा गंगा जल को लेकर शोर मचाते थे तो सरकार कोशिश शुरू करती है। इस बार प्रदेश सरकार ने पहले ही केंद्र सरकार को पत्र भेजकर उत्तराखंड के टिहरी बांध और हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज से 10-12 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़े जाने की मांग की, जिस पर केंद्र ने उत्तराखंड सरकार को माघमेले में अतिरिक्त जल छोड़े जाने के निर्देश जारी किया।
25 दिसंबर से छोड़ा जाएगा पानी
उत्तराखंड सरकार ने 25 दिसंबर से एक मार्च 2020 तक टिहरी बांध और हरिद्वार बैराज से 10 हजार क्यूसेक पानी छोडऩे के लिए आश्वस्त किया। उत्तराखंड सरकार ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को इस बाबत पत्र भी भेज दिया है। इसके अलावा बुलंदशहर के नरोरा बांध से पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने का प्रदेश सरकार ने निर्णय लेते हुए सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिया है। अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, बाढ़ खंड बृजेश कुमार ने बताया कि माघमेला के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पर्याप्त जल के लिए बांधों और बैराजों से 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी हो गए हैैं।