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मेंहदी जुलूस निकालने की तैयारी में 12 नामजद

मोहर्रम का जुलूस निकालने की तैयारी करते 12 लोगों को पकड़कर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:26 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:26 PM (IST)
मेंहदी जुलूस निकालने की तैयारी में 12 नामजद
मेंहदी जुलूस निकालने की तैयारी में 12 नामजद

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शाहगंज थाना क्षेत्र के हमाम गली मुहल्ले में शनिवार रात मेंहदी और झूला जुलूस निकालने की तैयारी में जुटे 12 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। कई अज्ञात पर भी केस दर्ज किया गया है।

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हमाम गली मुहल्ले में दो स्थानों पर मेंहदी और झूला जुलूस निकालने के लिए तैयारी चल रही थी। इसी बीच शाहगंज इंस्पेक्टर जयचंद्र शर्मा को इसकी जानकारी हो गई। वह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो अफरातफरी मच गई। पुलिस ने एक जगह से 11 लोगों को पकड़ा। पूछताछ की गई तो बताया गया कि जुलूस नहीं निकाला जाएगा, वह सजावट में जुटे थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। साथ ही वहां से भागे करीब दर्जनभर लोगों के खिलाफ भी अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद यहीं कुछ दूरी पर एक और जगह पुलिस पहुंची। वहां झूला जुलूस निकालने की तैयारी की खबर थी। पुलिस के पहुंचने पर यहां मौजूद लोग भाग निकले। एक पकड़ा गया, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। इंस्पेक्टर जयचंद्र शर्मा का कहना है कि जिनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है, उन सभी को नोटिस तामील कराई गई है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, उसका पालन कराया जा रहा है। अजाखानों में चढ़ाए गए फूल, नहीं निकला जुलूस

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : माहे मोहर्रम की दसवीं पर ताजिया का जुलूस नहीं निकला। अकीदतमंदों ने अजाखानों में फूल चढ़ाकर कर्बला के शहीदों की याद में गम मनाया। रविवार को बख्शी बाजार स्थित इमामबाड़ा नाजिर हुसैन में मजलिस हुई।

मौलाना आजम मेरठी ने उसे खिताब करते हुए शहीदों के दर्द को बयां किया। तुरबत को फूलों से सजा कर इमामबाड़े से घर में ही गश्त कराई गई। तुरबत के पास बैठकर सभी ने नम आंखों से पुरसा पेश करते हुए अलवेदा या हुसैन की सदा बुलंद की। अंजुमन गुंचा-ए-कासिमया के प्रवक्ता सै. मो. अस्करी ने बताया कि तुरबत का जुलूस हर बार कई मोहल्लों में घूमता था लेकिन इस बार जुलूस नहीं निकाला गया। इमामबाड़ा की देख-रेख करने वाले नूरुलएन आब्दी, जुलकरनैन आब्दी, रईस मेहंदी, तय्याबैन आब्दी, फराज आब्दी आदि मौजूद रहे।

भुने अनाज से हुई फाका शिकनी

मोहर्रम की दसवीं पर शिया मुस्लिम दिनभर भूखे-प्यासे रहे। फिर शाम को सात प्रकार के भुने अनाज और खिचड़ी पर नज्रो नियाज कराकर फाका शिकनी की गई। इमामबाड़ा अली नवाब में शहादते इमाम हुसैन के बाद के मंजर को पेश करते हुए मजलिस हुई।

बुझा दी थी लाइट

ताजिया और फूलों को दफन करने की अनुमति न मिलने पर शिया मुसलमानों ने लाइट बुझाकर मजलिस आयोजित की। घरों की लाइटें बुला दी गई थीं। मोहर्रम की दसवीं पर ताजिया, अलम, ताबूत, जुलजनाह, तुरबत, झूला व मेंहदी के फूलों को दफन करने परंपरा है।


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