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यात्री प्राचीन मूर्तिकला से रूबरू होंगे, Bamrauli Airport पर लगेगी 10वीं सदी की यह प्रतिमा Prayagraj News

प्रयागराज में बमरौली हवाई अड्डे पर 10वीं सदी की सूर्य प्रतिमा की प्रतिकृति लगाई जाएगी। इसके लिए बमरौली हवाई अड्डा और संग्रहालय के निदेशकों के बीच सहमति बन चुकी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 11:11 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 11:11 AM (IST)
यात्री प्राचीन मूर्तिकला से रूबरू होंगे, Bamrauli Airport पर लगेगी 10वीं सदी की यह प्रतिमा Prayagraj News
यात्री प्राचीन मूर्तिकला से रूबरू होंगे, Bamrauli Airport पर लगेगी 10वीं सदी की यह प्रतिमा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बमरौली हवाई अड्डे पर प्लेन से उतरने वाले यात्री अब भारतीय प्राचीन मूर्तिकला की खूबियों से रूबरू होंगे। यहां 10वीं शताब्दी की भगवान सूर्य की प्रतिमा लगाई जाएगी। यह इलाहाबाद राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी गई प्रतिमा की प्रतिकृति रहेगी। संग्रहालय प्रशासन उसकी रेप्लिका (प्रतिकृति) को बनवाकर हवाई अड्डे पर स्थापित कराएगा। इस पर पिछले दिनों एयरपोर्ट डायरेक्टर और संग्रहालय निदेशक के बीच सहमति बनी है।

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एयरफोर्स और संग्रहालय के निदेशकों के बीच मूर्ति लगाने पर बनी सहमति

हवाई अड्डे पर कई कलाकृतियां पहले से लगी हैं लेकिन प्राचीन वस्तुओं या मूॢतयों को इनमें अब तक स्थान नहीं मिल सका है। हवाई अड्डे के विकास और उसे आकर्षक बनाने के लिए एयरपोर्ट डायरेक्टर सुनील यादव ने इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक डॉ. सुनील गुप्त से संपर्क किया। दोनों के बीच यह तय हुआ कि संग्रहालय में संरक्षित किसी ऐसी प्रतिमा को हवाई अड्डे पर स्थापित कराया जाएगा जो भारत की प्राचीन मूॢतकला का नमूना भी दर्शाती हो।

संग्रहालय पहुंचे थे हवाई अड्डा के निदेशक

पिछले सप्ताह संग्रहालय पहुंचे हवाई अड्डा के निदेशक ने 10वीं शताब्दी की भगवान सूर्य की प्रतिमा को लगाने की इच्छा जाहिर की जिस पर संग्रहालय के निदेशक ने सहमति जताई। संग्रहालय इस प्रतिमा की प्रतिकृति बनवाकर हवाई अड्डे पर लगवाएगा।

यह है सूर्य प्रतिमा की खूबी

भगवान सूर्य की स्थानक (खड़ी) प्रतिमा 10वीं शती की है और यह प्रयागराज के करछना तहसील क्षेत्र में खोदाई के दौरान मिली थी। 119.5 गुणा 71 सेमी आकार की यह प्रतिमा बफ स्टोन की है। इसमें भगवान सूर्य का चेहरा दिख रहा है। भगवान के दोनों हाथ में पूरी तरह विकसित कमल हैं और कमल त्रिनालयुक्त हैं। उनकी सम्मुख दो पुरुष आकृतियां हैं जो संभवत: दंडी और ङ्क्षपगल हैं। इसके बाद दो छोटी महिला आकृतियां हैं जिनकी पहचान रजनी और निक्षुभा के रूप में है।


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