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होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाएंगे, करिए Corona गाइडलाइन का पालन, अपनाएं ये तरीका Aligarh News

जनपद में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। काफी संख्या में लोग उपचार पर हैं। कोरोना के लक्षण युक्त या कम लक्षण वाले व्यक्तियों को सरकारी गाइड लाइन के अनुसार होम आइसोलेट किया जा रहा है

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:43 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 01:20 PM (IST)
होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाएंगे, करिए Corona गाइडलाइन का पालन, अपनाएं ये तरीका Aligarh News
कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है।

अलीगढ़, जेएनएन। जनपद में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। काफी संख्या में लोग उपचार पर हैं। कोरोना के लक्षण युक्त या कम लक्षण वाले व्यक्तियों को सरकारी गाइड लाइन के अनुसार होम आइसोलेट किया जा रहा है, लेकिन इस बार आक्सीजन सेचुरेशन घटने के मामले बढ़ने से हर कोई अस्पताल में भर्ती रहकर उपचार कराना चाहता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समय से जांच या परीक्षण कराकर उपचार शुरू कर देने से गंभीर स्थिति पैदा नहीं होती। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार दवाओं व अन्य नुस्खों का पालन करने से होम आइसोलेशन में मरीज ठीक हो जाता है।

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 रोगी को घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि कोविड-19 रिपोर्ट पाजिटिव आने पर घबराएं नहीं। गाइडलाइन के तहत बताई गई दवाओं का सेवन करें, जिससे जल्द लाभ मिल सकेगा। ऐसे लोग जो जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं व कोविड-19 के लक्षण भी हैं, वे इन दवाओं का सेवन शुरू कर दें। इलाज में देरी न हो। ऐसे मरीजों को एल-वन कोविड अस्पताल में रखा जाता है। होम आइसोलेशन में मरीज का तापमान, श्वसन दर और आक्सीजन सेचुरेशन दिन में तीन बार जांचा जाएगा। होम आइसोलेशन वाले मरीजों के प्रारंभिक जांच के 10वें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन बिना जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा । रोगी को उसके बाद घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा।

 होम आइसोलेशन में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या काफी अधिक है। इसलिए लक्षण दिखते ही रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर दवा शुरू कर दें। 

महामारी रोग विशेषज्ञ डा. शुएब अंसारी ने बताया कि होम आइसोलेट व्यक्ति व लक्षण युक्त व्यक्ति मास्क एवं सैनिटाइजर का उपयोग करें। अलग कक्ष में रहें तथा अलग शौचालय का प्रयोग करें। 

ये है दवा का विवरण 

आइवरमेक्टिन की 12 एमजी की एक गोली रात  में खाने के बाद तीन दिन तक। एजिथ्रोमाइसिन की 500 एमजी की एक गोली तीन दिन तक, डोक्सी 100 एमजी की गोली दिन में दो बार 10 दिन के लिए, पैरासिटामोल 650 एमजी की गोली दिन में तीन से चार बार तीन दिन के लिए शरीर में दर्द या बुखार आने पर। लिम्सी 500 (एसकोर्बिक एसिड 500 एमजी) एमजी की एक गोली रोजाना 10 दिन तक, जिंकोनिया 50 एमजी (एलेमेंटल ज़िंक 50 एमजी) की एक गोली रोजाना 10 दिन तक, कैलसिरोल सचेट हफ्ते में एक बार छह हफ्तों तक। 

ये भी करें उपाय

- तीन से चार लीटर पानी पीयें। 

- दिन में कम से कम तीन बार भाप लें।

- आठ घंटे सोएं।

- 45 मिनट तक व्यायाम करें। 

- समय-समय पर आक्सीजन का स्तर जांचते रहें। 

- आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद से नीचे आए तो डाक्टर को दिखाएं।


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